
Team Yogi rushed for Karnataka election 2018
गोरखपुर। कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की जीत का श्रेय बीजेपी के जिन कद्दावर नेताओं को दिया जा रहा उसमें सबसे प्रमुखता से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम है। पीएम मोदी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही इस चुनाव में बीजेपी का ऐसा चेहरा थे जिनकी सभाओं और रैलियों की मांग सबसे अधिक रही। इस चुनाव में बीजेपी को आशातीत सफलता मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ की स्थिति पार्टी में और मजबूत हुई है।
यूपी माॅडल की कर्नाटक में भी धूम
गुजरात चुनाव में यूपी माॅडल को समझाने और लोगों को बीजेपी के पक्ष में वोट करने के लिए मना लेने के बाद योगी आदित्यनाथ और उनका मंत्रीमंडल कई महीनों से लगाता कर्नाटक में लगा हुआ था। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के खिलाफ हमलावर होने के साथ ये लोग यूपी के विकास और लाॅ-एंड-आर्डर को खूब बताते थे। वहां के लोगों को बीजेपी के एक साल के कार्यकाल की सफलता के बारे में बताते थे। परिणाम आने के बाद यह लग रहा कि गुजरात के बाद कर्नाटक में भी यूपी माॅडल को जनता ने समझा और बीजेपी को वोट किया।
नाथ थ संप्रदाय का है प्रभाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं। गोरक्ष पीठ नाथ संप्रदाय की प्रमुख पीठ है। इस संप्रदाय के लोग देश के विभिन्न कोनों में बाहुल्यता में हैं। कर्नाटक में भी अच्छी खासी तादाद नाथ संप्रदाय के अनुयायियों का है। चूंकि, इस चुनाव में स्वयं पीठाधीश्वर प्रचार में गए थे इसलिए नाथ संप्रदाय के लोगों ने खुलकर भाजपा के पक्ष में वोट किया और वोट मांगे।
योगी ने की एक हफ्ते में 24 से अधिक रैलियां व सभाएं
कर्नाटक चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही यूपी से कर्नाटक तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक कर दिए थे। समय निकालकर वह कर्नाटक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे और प्रचार करते रहे। चुनाव के ऐलान के बाद मतदान के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात दिनों में 24 से अधिक रैलियां व जनसभाएं की। कई रोड शो किए। इसके अलावा यूपी के कई मंत्री कर्नाटक में ही डेरा जमाए रहे।
Published on:
15 May 2018 02:25 pm
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