
बिजली का बिल जमा कराने वाले उपभोक्ताओं पर हुई एफआईआर, जानिए क्यों
ग्रेटर नोएडा. यूपी सरकार ने उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में भुगतान के लिए राहत देते हुए सरचार्ज समाधान योजना शुरू की थी। यह योजना एक जनवरी से शुरू होकर 31 मार्च 2019 तक चली। योजना के तहत बकाएदारों को 31 दिसंबर 2018 तक के बिजली के बिल के लंबित बिल में सरचार्ज के रूप में लगाई गई धनराशि में 100 प्रतिशत की छूट दी गई। सरकार ने 2 किलोवाट तक के घरेलू व किसानों को लाभ देने के लिए यह योजना चलाई थी।
बिजली विभाग के अधिकारियों की माने तो 31 मार्च तक ज्यादातर उपभोक्ताओं ने अपने बिल जमा करा दिए। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली का बिल जमा करने के बाद नोटिस आ रहे है। काफी उपभोक्ताओं के खिलाफ विभागीय अधिकारियों ने बिजली चोरी करने का आरोप में एफआईआर दर्ज करा दी। उपभोक्ताओं का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद अब 10 से 30 हजार रुपये अतिरिक्त जमा कराने के नोटिस आ रहे है। आए दिन पुलिस उनके घर पहुंच रही है।
बता दें कि उपभोक्ताओं को 31 जनवरी तक बिल के सरचार्ज को छोड़कर शेष धनराशि का कुल 30 प्रतिशत भुगतान कर पंजीकरण कराना था। उसके बाद में 31 मार्च तक बकाया बिल जमा कराना था। यह योजना नए साल में शुरू की गई। ज्यादातर उपभोक्ताओं ने छूट का लाभ लेते हुए बिल जमा कराए। काफी उपभोक्ता ऐसे है, जिनके बिल जमा करा दिए और उनके खिलाफ बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज करा दी। धूममानिकपुर खेड़ा गांव निवासी श्यामवीर का कहना है कि जनवरी माह से बिजली के बिल में छूट दी गई थी। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने नोटिस भेजा है। जिसमें घर पर 16 जनवरी को अधिकारियों की जांच बात कही गई। उसके बाद एफआईआर दर्ज कराने की जिक्र किया गया है। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी के बाद में एफआईआर दर्ज कराने का कोई औचित्य नहीं। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों की यह गलती है।
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Published on:
08 May 2019 11:46 am
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