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स्वतंत्रता दिवस पर आचार्य प्रशांत की अनोखी पहल, महज 1 रुपये में ऑनलाइन पढ़ सकेंगे किताब

locationग्रेटर नोएडाPublished: Aug 15, 2020 11:04:15 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights
-ग्रेटर नोएडा की एक एनजीओ ने लोगों की सुविधा के लिए शुरू की पहल-हर घंटे 200 से अधिक लोग पा रहे लाभ-युवा किताब को पसंद कर रहे हैं

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ग्रेटर नोएडा। 15 अगस्त 2020 को स्वतंत्रता दिवस के दिन से अब लोग महज 1 रुपये में किताब पढ़ सकेंगे। दरअसल, प्रशांतअद्वैत फ़ाउंडेशन ने भारतवासियों को एक अनोखा तोहफा दिया। आईआईटी-आईआईएम अलमनस तथा भारतीय प्रशासनिक अधिकारी रह चुके आचार्य प्रशांत की एनजीओ ने भारतवर्ष और राष्ट्रवाद से सम्बन्धित अपने कुछ प्रमुख कोर्सेज़ और किताबें मात्र 1 रुपये के डोनेशन के साथ अपनी वेबसाइट books.acharyaprashant.org किताबें उपलब्ध कराई हैं।
युवाओं को भा रही किताबें

आई.आई.टी. खड़गपुर से पढ़े, संस्था के सीनियर टेक्निकल हेड, देवेश मित्तल ने बताया कि 24 घंटों के अंदर, ‘भारत: अध्यात्म, दर्शन, राष्ट्र’ नामक किताब को 5000 से अधिक लोगों ने पढना शुरू कर दिया है। उनके अनुसार इस वक़्त इस किताब से हर घंटे लगभग 200 से ज्यादा लोग निःशुल्क लाभ पा रहे हैं और यह संख्या हर बीतते मिनट के साथ तेजी से बढती जा रही है।
जन-जन वेदों को सरल भाषा में पहुंचाना है उद्देश्य

उन्होंने बताया कि हमारी फाउंडेशन एक लाभरहित मानव सेवी संस्‍थान है। जो कि जन-जन तक वेदों और उपनिषदों को सरल भाषा में पहुँचाने के उद्देश्य शुरु की गई। यह संस्था सनातन-वैदिक धर्म की ऊँचाइयों को इक्कसवीं सदी के युवा तक पहुंचाने का लक्ष्य लिए हुए है। ऑनलाइन माध्यमों का भरपूर इस्तेमाल करते हुए संस्था यूट्यूब पर लगभग 10000 मुफ़्त वीडियोस डाल चुकी है। इन वीडियोस के ज़रिये हर देश, संस्कृति तथा आयु वर्ग के लोगों में आधाय्त्मिक जागरूकता फैलाई जा रही है, ताकि अंधविश्वास को धर्म से हटाया जा सके।
युवा राष्ट्रवाद के प्रति हो सकेंगे जागरूक

संस्था के सीनियर वालंटियर रोहित राज़दान का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन की गयी इस पहल के पीछे का कारण युवाओं में फैलती राष्ट्रवाद की गलत परिभाषा है। वे कहते हैं कि हर भारतवासी को वेदान्त केन्द्रित राष्ट्रवाद समझना चाहिए और इसीलिए संस्था ने इन कोर्सेज़ और किताबों को निशुल्क ही बांटने का मुहिम चलाया है। उनके अनुसार, संस्था ऐसी पहलें लगातार करती आई है, और आने वाले समय में, जनजागृति हेतु आध्यात्मिक साहित्य के वितरण की भी योजना उनकी टीम बना रही है।
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