
ग्रेटर नोएडा. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की करीबी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में लड़ाई लड़ने वाली समाजसेविका को ग्रेनो अथॉरिटी अफसरों के खिलाफ आंदोलन करना भारी पड़ गया। समाजसेविका का आरोप है कि अथॉरिटी अफसरों ने पुलिस से कहकर रोड पर फेंक दिया। जबकि ये पिछले 2 दिन से धरने पर बैठी हुई थी। बताया गया है कि समाजसेविका पहले भी अथॉरिटी अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर मुहिम छेड़ चुकी है। आरोप है कि योगीराज में आवाज दबाई जा रही है। महिलाओं के साथ में ज्यादती की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि न्याय नहीं मिला तो लखनउ में योगी के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
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समाजसेविका सविता शर्मा ने बताया कि उन्होंने एक मकान तीन माह पहले बेचा था। अभी तक उसे दूसरे मालिक को ट्रॉसफर नहीं किया गया। सविता ने बताया कि फाइल में कमी बताई गई, लेकिन उन्हें कोई सटीक कारण नही बताया गया। विरोध में सविता 2 मई 2018 को धरने पर बैठ गई। उन्होंने बताया कि ट्रॉसफर के नाम पर रुपये मांगे गए। उन्होंने बताया कि रिश्वत देने से इंकार कर दिया। सविता ने बताया कि वे गेट के पास में आंदोलनरत थी। लेकिन शुक्रवार को अफसर बदतमीजी पर आ गए और उन्होंने पुलिस की मदद से रोड पर फेंक दिया। उन्होंने बताया कि सिर पर हल्की चोटे आई है।
सविता शर्मा समाजसेवी है। ये आम आदमी पार्टी की नेता है और उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य है। इन्होंने अथॉरिटी में तैनात सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी। जेल जाना पड़ा। पुलिस ने इनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि न्याय न मिलने तक लड़ाई लडी जाएगी। सविता के पति ने अपनी ही मौत का स्वांग रचा था। हालही में सविता के पति चंद्रमोहन को हाईकोर्ट ने जमानत दी है। ये अल्फा—2 की रहने वाली है।
Published on:
05 May 2018 12:16 am
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