
ग्रेटर नोएडा. पुलिस ने दूसरे राज्यों से शराब लाकर बादलपुर थाना क्षेत्र में मिलावटी शराब बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 6 तस्करों को गिरफ्तार किया है। हालांकि इस काले कारनामे का सरगना पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल हो गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में मिलावटी अवैध शराब, अवैध शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण। इस शराबों की तस्करी में इस्तेमाल होने वाली पांच गाड़ियां, जिनमें एक एंबुलेंस और दूध की गाड़ी भी सामिल है। बताया जाता है कि इन गाडि़यों का इस्तेमाल शराब तस्करी में किया जाता था। बरामद शराब को जब्त करने के साथ ही पुलिस ने सभी आरोपियों को आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े रविंद्र, अमरजीत, आकाश, प्रवेश, शिवम, और अनुज चौधरी अंतर्राराज्यीय शराब गिरोह के सदस्य हैं। इन सभी को थाना बादलपुर पुलिस और एएसटी की टीम ने मुखबिर की सूचना पर चैकिंग के दौरान धूममानिकपुर से एक एम्बुलेंस और दो कारो में अवैध शराब की तस्करी करने के आरोप पकड़ा है। इन आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने बादलपुर के पास एक घर पर छापा मारकर मिलावटी शराब बनाने की फैक्ट्री का भी भंडाफोड़ किया। इनका सरगना और इस गैंग का मास्टरमाइंड कुलदीप और गांधी को बताया जाता है। ये दोनों ही छापेमारी के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गैंग ऑन डिमांड अवैध शराब की तस्करी करता था। यह सप्लाई से पहले ही क्लाइंट से अपने खातों में रकम को ट्रांसफर करवा लेता था। इस गैंग को बुलंदशहर और हरियाणा के झज्जर के शराब तस्करों ने मिलकर बनाया था, जो हरियाणा मार्क मिस इंडिया और अरुणाचल प्रदेश मार्क क्रेजी रोमियो की शराब भर कर फैक्ट्री पर एंबुलेंस और दूध की गाड़ी से लाते थे। फिर उन्हें ड्रमों में खाली कर उसमें कैमिकल और पानी मिला कर मिलावटी शराब बनाकर शराब के ठेकों में सप्लाई कर दिया जाता था।
पुलिस ने इस जगह से अवैध शराब बनाने के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण केमिकल, नकली रैपर, रोलर बारकोड के साथ-साथ 230 पेटी नकली मिलावटी शराब बरामद की है। इसके अलावा काफी मात्रा में वह शराब भी बरामद की है, जिनमें यह मिलावट की जाती थी। फिर उस मिलावटी शराब को बोतलों में भरकर वेब गैलरी अलीगढ़ का रैपर लगा दिया जाता था और बोतल पर कैप मशीन द्वारा सील करके आबकारी विभाग के नकली बार कोड लगाकर पूर्ण तरीके से असली शराब के रूप में प्रदेश के विभिन्न सरकारी ठेकों पर सप्लाई करते थे। शराब की सप्लाई के लिए एंबुलेंस और दूध के वाहनों का इस्तेमाल किया जाता था, क्योंकि इन दोनों वाहनों की चेकिंग कम ही की जाती है।
Published on:
10 Dec 2019 02:43 pm
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