
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था। इस एक्सप्रेस-वे के बनते ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली से आने-जाने वाले लोगों का काफी समय बचने लगा। लेकिन, यह एक्सप्रेस-वे शुरुआत से ही खूनी एक्सप्रेस-वे साबित हो गया। दरअसल, जब से इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत हुई है तब से अब तक करीब 5 लाख लोग हादसे के शिकार हो चुके हैं। वहीं, 400 से ज्यादा लोगों की दुर्घटना में जान जा चुकी है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों को लेकर इंटरनेशनल रोड फेडरेशन चिंता भी जता चुका है। साथ ही हादसों को रोकने के लिए प्रशासन और जेपी ग्रुप को सुझाव भी दे चुका है।
2012 में शुरू हुआ था यमुना एक्सप्रेस-वे
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक यमुना एक्सप्रेस—वे का निर्माण 2012 में हुआ था। यह यूपी की पूर्व सीएम मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट था। लेकिन 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने लखनऊ से एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था। इसका निर्माण जेपी कंपनी की तरफ से किया गया था। मायावती ने जेपी को एक्सप्रेस-वे के निर्माण के एवज में ग्रेनो से आगरा तरफ फ्री में जमीन मुहैया कराई थी।
कोहरे में होते हैं सबसे ज्यादा हादसे
अधिकारियों के मुताबिक, कोहरे के दौरान यमुना एक्सप्रेस-वे पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। जारी किए गए ठंड के मौसम में कोहरे की वजह से सबसे ज्याद एकसीडेंट हुए हैं। हालांकि, यमुना एक्सप्रेस मैनेजमेंट पुलिस से लेकर प्रशासन को हर महीन रिपोर्ट भेजती है। इसमें एक्सप्रेस-वे पर रिफ्लेक्टर, वाहन चालकों को जागरूक करने, ओवरस्पीड पर चलनेवालों की डिटेल दी जाती है। इसके आधार पर नियम का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। हालांकि, प्रशासन ने दावा किया है कि कोहरे में चलने, ओवरस्पीडिंग से बचने समेत कई उपाय किए जा रहे हैं।
हादसों के पीछे ये भी है वजह
अधिकारियों का यह भी कहना है कि लापरवाही के अलावा नींद और थकान की वजह से भी हादसे हो रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक नींद और थकान के दौरान वाहन चालक स्पीड में चलते हैं, जिसकी वजह से ऐसे हादसे होते हैं।
खुद की जान को लोग डाल रहे है जोखिम में
प्रशासन की तरफ से अप्रैल से लेकर सितंबर तक 5 लाख 25 हजार और 17 वाहनों चालकों के नियम का उल्लघंन किया। डीएम बीएन सिंह ने बताया कि 1 लाख 54 हजार 245 वाहनों के ड्राईवरों को 5 बार नोटिस भेजा जा चुका है। वहीं, ओवरस्पीडिंग के मामले में 152 लाइसेंस भी निरस्त किए गए हैं। बढते हादसों की वजह ओवरस्पीड भी है। वहीं कोहरे की वजह से भी हादसों की संख्या में इजाफा होता है। अभी तक 400 से ज्यादा लोग अपनी जान हादसों के दौरान गवां चुके हैं।
हाई स्पीड का उल्लघंन करने वाले वाहनों की संख्या
अप्रैल 2017- 156200
मई 2017 - 172287
जून 2017- 133590
जूलाई 2017- 38788
अगस्त 2017- 5340
सितंबर 2017- 18812
6 माह 525017 वाहनों ने किया नियम का उल्लघंन
रोड फेडरेशन जता चुका है चिंता
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन यमुना और ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे पर हो रहे हादसों को लेकर गंभीरता दिखा चुका है। रोड फेडरेशन ने एक्सप्रेस-वे की डिजाइन दूसरे हाईवे से अलग होने की वजह से वाहन चालकों के लिए समय—समय पर जागरुकता अभियान चलाने का सुझाव दिया था। ओवर स्पीड से बचने और सफर से पहले टायर से लेकर इंजन तक चेक करने का सुझाव इंटरनेशनल रोड फेडरेशन की तरफ से भी दिया गया था।
इन नियमों का हो पालन
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के अध्यक्ष केके कपिला की माने तो गर्मी और सर्दी के कोहरा के दौरान ड्राइव के वाले वाहन चालकों को जागरूक करने की जरूरत है। यमुना एक्सप्रेस-वे की कंक्रीट की सतह पर वाहनों के टायरों की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है। चालक को मौसम और दृश्यता का पता होना चाहिए ताकि वह सेफ ड्राईविंग कर सके। साथ ही फेडरेशन की तरफ से सफर के दौरान लाइट, विंडस्क्रीन वॉशर, टॉयरों, ब्रेक, बैटरी, इंजन ऑयल आदि की जांच करने की सलाह दी थी।
ऐसे बचे कोहरा से
रोड एक्सपर्ट सुशील गोस्वामी की मानें तो कोहरे के दौरान हाईस्पीड में बिल्कुल न चले। साथ ही ज्यादा से ज्यादा सावधान रहे। कोहरा को भेदने में पीली लाइट काफी सक्षम होती है। ऐसे में लाइट को पीली करा लें। वहीं, कम स्पीड और रोड पर लगे रिफ्लेक्टरों का भी ध्यान रखें। इसके अलावा पार्किग लाइट का भी यूज करें ताकि पीछे आने वाले वाहन चालक भी अलर्ट भी रह सके।
अब इतने लोगों के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई
प्रशासन ने ओवर स्पीड पर चलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 42 वाहन मालिकों के लाईसेंस निरस्त किए हैं। ओवर लोडिंग के मामले में 51 प्रशासन की तरफ से लाईसेंस निरस्त किए। यातायात पुलिस ने 59 लाईसेंस निरस्त किए हैं। अभी तक 152 लोगों के खिलाफ लाइसेंस कैसिंल की कार्रवाई की जा चुकी है।
Updated on:
02 Jan 2018 06:25 pm
Published on:
02 Jan 2018 06:24 pm
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