Monsoon and Pre Monsoon: मानसून से पहले अक्सर प्रीमानसून की बारिश राहत लेकर आती है।
Monsoon and Pre Monsoon: उत्तर प्रदेश के लोग फिलहाल जोरदार गर्मी का सामना कर रहे हैं। तेज गर्मी और उमस से लोग हलकान हो रहे हैं और मानसून की राह देख रहे हैं। मानसून में अभी समय है, ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि प्रीमानसून की बौछारें कुछ राहत लेकर आएंगी। मानसून और प्रीमानसून में क्या फर्क होता है और दोनों मानसूनों की बारिश कैसे अलग होती है, आइए जानते हैं।
मानसून
करेल और आसपास इस समय मानसून की एंट्री हो गई है। वहीं उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में जो बारिश इस समय हो रही है, प्री-मॉनसून की बारिश है। भारत में मानसून तब आता है जब देश में तेज गर्मी होती है और अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में तापमान कम रहताा है। इस फर्क की वजह से समुद्र से पानी के बादल उत्तर भारत की ओर चलते हैं। ये बादल जो भारी बारिश करते हैं, उसे मानसूनी बारिश कहते हैं। बारिश की स्थिति और हवाओं की गति के आधार पर मानसून का आना तय होता है।
प्रीमानसून
उत्तर भारत में जून में होने वाली बारिश को प्रीमानसून की बारिश कहा जाता है। प्री मॉनसून बारिश की वजह तेज गर्मी और आर्द्रता होती है। तेज हवाओं के साथ आमतौर पर शाम के वक्त प्रीमानसू की बारिश होती है। प्री मॉनसून के बादल ज्यादा तापमान से बनते हैं और ऊपर की ओर जाते हैं। प्रीमानसून की बारिश दो दिन से ज्यादा नहीं चलती है। वहीं मानसून के बादल घने और परतदार होते हैं। ये बादल एक स्थान से दूसरे स्थान तक लंबी दूरी तक जाते हैं। ये ज्यादा एरिया में, लंबे समय तक और बार-बार बारिश करते हैं। दोनों मानसूनों की हवाओं में भी फर्क होता है। प्रीमानसून में धूल भरी आंधी चलती है लेकिन मानसून की हवाएं इससे कहीं ज्यादा ताकतवर होती हैं।