
ग्रेटर नोएडा। कोरोना संक्रमण (coronavirus) रोज लोगों की जान ले रहा है। इससे दाह संस्कार (death funeral) कर रहे श्मशान घाट भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कई श्मशान घाटों (shamshan ghat) में दूसरे क्षेत्र से शवों का दाह संस्कार कराने आए परिजनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। कई घाटों पर संक्रमण से मरने वालों के अपने भी डर के मारे उनसे दूर हो जाते हैं। ऐसे वक्त में ग्रेटर नोएडा के समाजसेवी विनोद प्रजापति शमशान घाट में अब तक 130 लोगों को कंधा देकर अंतिम संस्कार करवाकर के मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के दादरी स्थित शमशान घाट पर दाह संस्कार के लिए लकड़ियां ढोते विनोद प्रजापति एक समाजसेवी हैं। जो पूरे कोरोना काल में कोरोना से मृत शवों का अंतिम संस्कार नि:शुल्क कर रहे हैं। इस कठिन घड़ी में जब अपने ही संक्रमण से मृत शवों को छोड़कर डर से भाग जाते हैं, ऐसे में वह पूरे रीति-रिवाज से शवों का अंतिम संस्कार रहे हैं। अब तक वह लगभग 130 शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं।
विनोद ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के श्मशान घाट में अप्रैल से शुरुआती मई तक रोजाना 15 से 20 शव अंतिम संस्कार के लिए आते रहे हैं। अब शवों की संख्या में कमी आयी है। अधिकतर ऐसे शव आते हैं जिन्हें कंधा देने के लिए भी चार लोग अपने मौजूद नहीं होते। हम ऐसे शवों को कंधा देकर श्मशान घाट में पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार निशुल्क करवाते हैं, शव दाह के लिए लकड़ी का व्यवस्था निःशुल्क करते हैं।
गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान देश के तमाम हिस्सों से लगातार इस तरह की शिकायतें आती रही हैं कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोग मदद नहीं कर रहे हैं। रिश्तेदार भी दूरी बना रहे हैं। वहीं एंबुलेंस से श्मशान घाट तक शव ले जाने के नाम पर लोगों से मजबूरी का फायदा उठा कर लाखों की ठगी की जा रही है। ऐसे में विनोद प्रजापति जैसे कुछ लोग मानवता का मिसाल पेश कर रहे हैं। वे अपनी जान की फिक्र किए बगैर लगातार श्मशान घाट में ऐसे असहाय मृतकों की मदद कर रहे हैं जिनके अपने ही संक्रमण के बाद शवों को छोड़कर चले जाते हैं।
Published on:
22 May 2021 10:56 am
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