25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Chinese खिलौनों को योगी सरकार ने दिया बड़ा झटका, जल्द बनाई जाएगी शानदार Toy City

Highlights: -Yamuna Authority क्षेत्र में जमीन को दी मंजूरी -Toy एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने की थी मांग -50 एकड़ में बसाई जाएगी Toy City

2 min read
Google source verification
yogiji-1.jpg

ग्रेटर नोएडा। भारत-चीन (India-China Border) के बीच बढ़ते तनाव के चलते सरकार लगातार चीनी कंपनियों (Chinese Company) पर लगातार शिकंजा सकती जा रही है। हाल ही में सरकार ने 59 चीनी ऐप्लिकेशन (Chinese Application) पर बैन लगा दिया है। वहीं खिलौनों (Chinese App) के लिए प्रसिद्ध चीन को झटका देने के लिए केंद्र सरकार ने आयात पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी (Import Duty) 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। उधर, अब योगी सरकार ने भी चीनी खिलौनों को टक्कर देने के लिए टॉय हब (Toy Hub) बनाने का फैसला कर लिया है।

यह भी पढ़ें: कोरोना काल में नव नियुक्त सपा जिलाध्यक्ष का हुआ जोरदार स्वागत, भाजपा पर साधा निशाना

दरअसल, आयात शुल्क बढ़ने के बाद चीनी खिलौने काफी महंगे हो गए हैं। जिसके मद्देनजर अब टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने योगी सरकार से ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में टॉय सिटी बसाने की मांग की थी। इसके लिए जमीन की मांग की गई। जिसे प्राधिकरण ने मंजूरी ने दे दी है। इसमें करीब 80 इकाई स्थापित होंगी, जिससे प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से 15000 लोगों को रोजगार एवं छह सौ करोड़ का निवेश होगा।

गौरतलब है कि देश में खिलौना उद्योग का करीब 20 हजार करोड़ का सालाना कारोबार है। इसमें छह हजार करोड़ का कारोबार देश में बने खिलौने का है, जबकि 14 हजार करोड़ का कारोबार आयातित खिलौनों का है। 2002 में सरकार ने आयात शुल्क को 50 से घटाकर 20 फीसद कर दिया था, इससे घरेलू खिलौना उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में टॉय सिटी विकसित करने की योजना है। इसके लिए प्राधिकरण से भूमि मांगी गई है।

यह भी पढ़ें: Saroj Khan का यूपी के इस शहर से था गहरा नाता, कहती थीं.. यहां के युवाओं में है गजब का उत्साह

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि टॉस सिटी के लिए 50 एकड़ भूमि आवंटन का प्रस्ताव प्राधिकरण को मिला है। इसमें एक हजार से चार हजार वर्गमीटर के भूखंड मांगे गए हैं। प्राधिकरण ने सेक्टर-32, 33 में भूमि देने का प्रस्ताव दिया है। सहमति बनने पर तय प्रक्रिया के अनुसार भूखंड का आवंटन किया जाएगा। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिल सकेगा।