
पीएम बेंजामिन नेतान्याहू ।
येरुशलम। इजराइल में नेतान्याहू की सरकार को तगड़ा झटका लगा है। तीसरी बार हुए आम चुनाव के बाद इजराइल में राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने विपक्ष के नेता को सरकार बनाने का मौका दिया है। बेनी गेंट्स जल्द नई सरकार का गठन कर सकते हैं। इससे पहले रिवलिन ने दोनों नेताओं को आपात बैठक के लिए बुलावा भेजकर बीते एक साल से चल रहे राजनीतिक गतिरोध को सुलझाने का प्रयास किया था।
गौरतलब है कि पीएम बेंजामिन नेतान्याहू की पार्टी बीते तीन चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने में कामयाब नहीं रही। ऐसे में विपक्षी पार्टी को इस बार मौका दिया गया है। रविवार को राष्ट्रपति कार्यालय ने देर शाम बेनी गेंट्ज को पहला मौका देने की घोषणा की। यह घोषणा राष्ट्रपति की तरफ से इजराइल की अगली सरकार का नेतृत्व तय करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ किए गए सलाह के बाद की गई।
बीते कई माह से देश में राजनीतिक उठापठक जारी है। राजनीतिक व्यवस्था को सुधारने के लिए यह फैसला लिया गया। बता दें कि देश में राष्ट्रपति उस उम्मीदवार को नियुक्त करते हैं, जिसे वे संसदीय बहुमत हासिल कर सरकार गठित करने के लिए ज्यादा उपयुक्त मानते हैं। देश में बीते एक साल में तीसरी बार गत दो मार्च को चुनाव हुए। चुनाव परिणामों के बाद राष्ट्रपति के लिए यह काम बेहद कठिन हो गया था।
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परिणामों में नेतन्याहू की लिकुद पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। कई छोटी धार्मिक और राष्ट्रवादी पार्टियों के सहयोग के बावजूद वह 61 सीट पर सिमट गई। वह बहुमत पाने से थोड़ा पीछे रह गई है। वहीं विपक्षी पार्टियों के पास 62 सीटों का संयुक्त बहुमत है। कोरोना के खतरों को भांपते हुए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर नेतन्याहू ने बेनी गेंट्ज को एक आपातकालीन सरकार के गठन का न्योता दिया था। बेनी गेंट्ज ने इस प्रस्ताव को खारिज भी किया है।
Updated on:
16 Mar 2020 07:06 pm
Published on:
16 Mar 2020 10:45 am
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