मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर ओमरान शराफ (Omran Sharaf) के अनुसार यह मिशन केवल UAE नहीं बल्कि सम्पूर्ण अरब जगत के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह क्षेत्र कठिन समय से गुजर रहा है और हमें अच्छी खबर जल्द मिलने की उम्मीद है। हम चाहते हैं कि हमारे युवा बाहर जाने के बजाए घर में ही संभावनाएं देखना शुरू करें’।
जानकारी एकत्र करने के लिए मिशन मंगल पूरे एक साल तक रहेगा। इस प्रोजेक्ट पर UAE 2014 से काम कर रहा है। शराफ के अनुसार इस मिशन में कुछ भी आसान नहीं रहा। पहले दिन से ही समयसीमा की चुनौती बनी रही। इसके अलावा बजट को लेकर हमेशा से टकराहट रही।
जापानी तकनीक को लेकर संचालित इस मिशन का उद्देश्य मंगल ग्रह के वायुमंडल की ऊपरी और निचली सतह की जानकारी एकत्र करना है। इसके साथ यह ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के स्तर को भी मापने की कोशिश करेगा। इस तरह से मंगल के जलस्तर का आकलन हो सकेगा। गौरतलब है कि सऊदी अरब के राजकुमार सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद (Sultan Bin Salman Al-Saud) 1985 में अमरीकी शटल से अंतरिक्ष जाने वाले पहले अरब अंतरिक्ष यात्री थे। इस बार यूएई पहली बार अपना मिशन भेज रहा है।
संयुक्त अरब अमीरात की उन्नत विज्ञान राज्य मंत्री सारा अल-अमीरी (Sarah Al-Amiri) ने मिशन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस अभियान से यूएई के वैज्ञानिकों और प्राकृतिक विज्ञान का अध्ययन करने वालों को बेहतर अवसर मिल सकेंगे।