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बिना मॉस्क काम कर रहे हम्माल, किसानों का पांच दिन में आया नंबर

-किसान बोले-दिनभर भूखे-प्यासे तौल का करना पड़ता है इंतजार

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बिना मॉस्क काम कर रहे हम्माल, किसानों का पांच दिन में आया नंबर

बिना मॉस्क काम कर रहे हम्माल, किसानों का पांच दिन में आया नंबर

गुना. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए बनाए केंद्रों की मनमानी से किसान परेशान हैं। यहां पांच-पांच दिन में किसानों का नंबर आ रहा है। उधर, खरीद केंद्र पर कोरोना से बचाव के लिए भी उपाय नजर नहीं आए। दरअसल, बजरंगगढ़ और ढोलबाज उपार्जन केंद्रों पर किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि 27 और 28 को हमारे पास मैसेस जाए थे, लेकिन अभी तक हमारे गेहूं नहीं तौले जा सके। उधर, विभाग के अधिकारियों ने भी यहां पर निरीक्षण किया तो कई खामियां मिली हैं। उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल से जिले के 67 उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की खरीदी की जा रही है। शनिवार को सुबह तक करीब 70 हजार मीट्रिक टन की खरीदी हो गई है। देर शाम तक ये आंकड़ा और बढ़ सकता है।
रोड घेरकर खड़ी हैं गेहूं से भरी ट्राली
ढोलबाज उपार्जन केंद्र के बाहर रोड पर 56 से अधिक ट्राली गेहूं से भरी रखी हैं। इन किसानों को अपना नंबर आने का इंतजार है। किसानों ने बताया कि हमारे पास मैसेज पहले आ चुके हैं, लेकिन तौल नहीं हो रही है। कुछ दबंग किसानों के गेहूं जल्दी तौल लिए जाते हैं। लेकिन हमें काफी इंतजार करना पड़ रहा है। यहां 10 से 15 गांवों से किसान अपनी उपज लेकर पहुंच रहे हैं।
परिवहन की बनी हुई है समस्या
हर दिन खरीदी का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन परिवहन की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। दो लाख क्विंटल से ज्यादा गेहूं खुले में रखा है। जहां बारिश में भीगने का खतरा बना हुआ है। हर दिन आसमान में बादल छा रहे हैं और कभी भी मौसम बदल सकता है। इतना ही नहीं, 50 से अधिक ग्रामीण क्षेत्र में बनाए इन खरीद केंद्रों पर बारिश से गेहूं को बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम भी नजर नहीं आ रहे हैं। इस वजह से किसानों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हम्मालों के पास नहीं मिले मॉस्क, एक था लैपटॉप
उधर, किसानों की शिकायत मिलने पर खाद्य विभाग की टीम ने इन दोनों उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया, जहां निरीक्षण के दौरान हम्माल बिना मॉस्क के मिले। इसके अलावा यहां दो दो लैपटॉप की व्यवस्था करनी थी, लेकिन एक-एक लैपटाप ही मिला। इस वजह से कई किसान ऐसे थे, जिनको 24 और 25 अप्रेल को मैसेज किया था, लेकिन उनकी तौल नहीं हो पाई थी। इसके अलावा भी किसानों ने कई तरह की समस्याओं को बताया है। जहां कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी जगदीप सिंह ने इस पूरी मामले की रिपोर्ट बनाई है और कलेक्टर एस विश्वनाथन को सौपी जाएगी।
इनका कहना है
हमारे पास 28 अप्रैल को मैसे आया था। चार दिन बाद एक मई को भी हमारी उपज की तौल नहीं हो सकी है। भूखे प्यासे हम यहां अपने गेहूं की तौल होने का इंतजार कर रहे हैं।
-वीरेंद्र सिंह यादव, किसान बमोरी बुजुर्ग
उपार्जन केंद्रों पर किसानों को बैठने आदि की व्यवस्था नहीं है। कोरोना संक्रमण काल में भी लोग बिना मॉस्क लगाए काम कर रहे हैं। इससे खतरा बना हुआ है। यहां प्रशान को ध्यान देना चाहिए।
-परमाल सिंह लोधा, किसान हरिपुर