
मलेरिया का प्रकोप: फागिंग मशीन खराब, नपा मच्छर मारने में 'ऑल आउट'
एक धूल खा रही, दूसरी फॉगिंग मशीन खराब
नपा ने मच्छर मारने बीते साल दो मशीन खरीदी हैं, लेकिन इनमें एक देखरेख के अभाव में खराब पड़ी है और दूसरी धूल खा रही है। नपा के पास इसके पूर्व भी 6 मशीनें थीं, वे देखरेख के अभाव में पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। प्रभारी हेल्थ आफिसर की माने तो मशीन ठीक कराने इंजीनियर बुलाया है, लेकिन अब तक सुधारी नहीं जा सकी हैं।
पायरेथ्रम, केरोसिन का भी अभाव
डेंगू जैसे खतरनाक मच्छरों को और लार्वा को नष्ट करने पायरेथ्रम दवा को इस्तेमाल होता है, लेकिन ये दवा पर्याप्त नहीं है। मलेरिया विभाग के पास 45 लीटर पायरेथ्रम है और इसमें मिलाने केवल 50 लीटर केरोसिन ही है।
नपा के पास कार्बोलेक पाउडर होना चाहिए। लेकिन नपा में पाउडर है या नहीं, जिम्मेदार अफसर जानकारी से अपडेट नहीं हैं।
आंकड़ों में मच्छर के डंक का कहर
187 डेंगू रोगी मिले सितंबर से नवंबर के बीच गुना शहर में मिले।
381 को मलेरिया निकला। 308 को मलेरिया वायवेक्स, 73 को मलेरिया फेल्सीफेरम हुआ।
45 लीटर ही उपलब्ध पायरेथ्रम, 50 लीटर केरोसिन उपलब्ध।
188118 मलेरिया स्लाइड बनाने का दावा। लेकिन मलेरिया कम लोगों को निकला।
पूरा शहर आ गया था डेंगू की चपेट में
बीते साल डेंगू और मलेरिया की चपेट में पूरा शहर आ गया था। वर्ष 2018 में सितंबर से नवंबर के बीच तीन महीने में 187 डेंगू के केस सामने आए थे। 381 को मलेरिया हुआ था। शहर में सबसे ज्यादा प्रभावित श्रीराम कालोनी हुई थी, डेंगू फैलने से एक गली को डेंगू वाली गली ही घोषित कर दिया था।
यहां सबसे पहले कोकाटे कालोनी प्रभावित हुई। इसके बाद सिसोदिया कालोनी, धाकड़ कालोनी, सुभाष कालोनी, दुर्गा कालोनी सहित कई कालोनियों में डेंगू फैल गया था। सहायक मलेरिया अधिकारी विष्णु रघुवंशी ने बताया, मच्छरों की रोकथाम के लिए लार्वा सर्वे करने के साथ उसे नष्ट किया जाएगा।
फॉगिंग मशीन खराब पड़ी है। सुधरवाने इंजीनियर को बुलवाया है। दवाओं को जानकारी नहीं है। स्टोर कीपर को पता होगा। मैं दिखवाता हूं।
-हरीश शाक्यवार, प्रभारी हेल्थ आफीसर नगर पालिका परिषद गुना
Published on:
28 Mar 2019 12:18 pm
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