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अब हर मरीज की होगी बीपी और शुगर की जांच, मरीजों का डाटा भी होगा ऑनलाइन

बढ़ते मरीजों की संख्या देख उठाया कदम, प्राथमिक स्वास्थ्य पर पहली बार हो रही जांच

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अब हर मरीज की होगी बीपी और शुगर की जांच, मरीजों का डाटा भी होगा ऑनलाइन

अब हर मरीज की होगी बीपी और शुगर की जांच, मरीजों का डाटा भी होगा ऑनलाइन

गुना. आज के बदलते परिवेश और भागदौड़ भरी जिंदगी के चलते असंचारी रोगों से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसी क्रम जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आरोग्य केंद्र) के रूप में तब्दील कर दिया है। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एनसीडी (असंचारी रोग) क्लीनिक खोलने की शुरूआत कर दी है। जिसके तहत इन स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रत्येक मरीज की स्क्रीनिंग की जा रही है। साथ ही जरुरत के मुताबिक उन्हें दवा व योग भी कराया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने प्रथम चरण में गुना जिले के 24 उपस्वास्थ्य केंद्रों को हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर (आरोग्य केेंद्र) के रूप में चुना है। इनमें से तीन स्वास्थ्य केंद्र चांचौड़ा, भदौरा व फतेहगढ़ पर पदस्थ आयुर्वेद चिकित्सक को योगा का विशेष प्रशिक्षण देकर भेजा गया है ताकि वे मरीजों को जरुरत के अनुसार योगा करा सकें। जल्द ही सभी आरोग्य केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

प्राथमिक स्टेज पर ही पकड़ी जा सकेगी बीमारी, कारणों का चल सकेगा पता

जिला अस्पताल पर एनसीडी क्लीनिक की शुरूआत काफी समय पहले कर दी गई थी। यहां से प्राप्त मरीजों की संख्या देखते हुए सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी एनसीडी क्लीनिक की शुरूआत कर दी है। इसके बाद अब असंचारी रोगों से पीडि़त मरीज प्राथमिक स्टेज पर ही डिटेक्ट हो जाएगा। जिसके बाद ट्रेंड स्टाफ मरीज का पूरा फीडबैक लेकर फार्म भरेगा और उसमें लक्षण के आधार पर नंबर भी देगा। यदि मरीज को 5 से अधिक नंबर मिलते हंै तो उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रैफर किया जाएगा और फिर जरुरत के मुताबिक यहां से उपचार हेतु जिला अस्पताल भेजा जाएगा। दरअसल, असंचारी रोगों से पीडि़त होने की प्रमुख वजहों में अनियमित खानपान, जीवनशैली में बदलाव, जलवायु परिवर्तन और वातावरण का प्रदूषित होना है। पहले की अपेक्षा इन बीमारियों में काफी इजाफा हुआ है। इसकी वजह से प्रति वर्ष इन बीमारियों के मरीजों की संख्या 7 से 10 प्रतिशत तक बढ़ रही है।

आरोग्य केंद्रों पर यह मिलेंगी सुविधाएं

हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर (आरोग्य केंद्र) पर करीब 200 तरह की दवाएं मरीजों को मिलेंगी। साथ ही मरीजों के 19 तरह के टेस्ट यहां हो सकेंगे। अब तक इन सेंटरों पर महज प्राथमिक उपचार ही होता था। सब सेंटर पर तो डॉक्टर भी नहीं बैठता था। जबकि अब डॉक्टर के साथ स्टाफ नर्स की सुविधाएं यहां दी जाएंगी।


मरीज का डेटा होगा ऑनलाइन फीड, घर जाकर होगी जांच

स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाए गए आरोग्य केंद्र व एनसीडी क्लीनिक में आने वाले हर मरीज का डेटा ऑनलाइन फीड किया जाएगा। इसके लिए विशेष रूप से डॉक्टर व स्टाफ को प्रशिक्षण व आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं ताकि मरीज को सही समय पर समुचित उपचार उपलब्ध कराया जा सके। कुल मिलाकर अब हर आदमी के स्वास्थ्य का हिसाब-किताब सरकार खुद रखेगी। वेलनेस सेंटर में नियुक्त महिला स्टाफ उनके क्षेत्र के हर गांव में घर-घर जाकर परिवार के हर सदस्य की स्वास्थ्य जांच करवाएंगी और इनका डिजिटल और फिजिकल रिकार्ड रखेंगी। डिजिटल रिकार्ड तैयार करने के लिए हर केंद्र पर दो टैबलेट दिए जाएंगे। वेलनेस सेंटर के आसपास के इलाके में रहने वाले तीस साल से अधिक उम्र के लोगों का बीपी, डायबिटीज व कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की नि:शुल्क जांच की जाएगी और जरूरत के अनुसार उनको दवा और परामर्श दिया जाएगा। इन लोगों की बीमारी के आधार पर तीन केटेगरी बनाई जाएंगी। जिसमें इलाज की जरूरत नहीं, परहेज की जरूरत और दवा की जरूरत के आधार पर इनकी बीमारियों का इलेक्ट्रानिक व फिजिकल रिकार्ड मेंटेन किया जाएगा। इसके कई फायदे होंगे।

इनका कहना है

जिले के 24 उपस्वास्थ्य केंद्रों को हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाया गया है। लोगों को बीमार होने से बचाना है। इसके लिए योगा व अन्य एक्सरसाइज भी कराया जाएगा। पीएससी पर एनसीडी क्लीनिक भी शुरू हो गई है।

डॉ. पी बुनकर, सीएमएचओ