ओपीडी से गायब डॉक्टर को ढूंढ रहे मरीज ने कलेक्टर से की शिकायत ओपीडी रूम में एक भी हड्डी का डॉक्टर नहीं था मौजूद
गुना. जिला अस्पताल की ओपीडी से डॉक्टर्स के गायब रहने की प्रवृत्ति शुक्रवार को एक बार फिर से कलेक्टर के सामने आ गई। हुआ यूं कि कोविड-19 वेक्नीशन के ड्राई रन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन इसी दौरान उन्हें एक मरीज मिला, जिसने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए ओपीडी रूम में डॉक्टर के न मिलने की बात बताई। जिसे उन्होंने बेहद गंभीरता से लिया और सीएस को बुलाकर जमकर क्लास ली। यह बातचीत करीब आधा घंटे तक चली। जिसमें कलेक्टर ने ओपीडी की व्यवस्था सुधारने व बंद ओटी को फिर से चालू करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल परिसर स्थित डीईआईसी भवन में वेक्सीनेशन का ड्र्राई रन चल रहा था। यहां सिविल सर्जन डॉ हर्षवर्धन जैन के अलावा आरएमओ डॉ सुधीर राठौर तथा अन्य डॉक्टर भी मौजूद थे। सभी कलेक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच जानकारी लगी कि कलेक्टर आ चुके हैं लेकिन वह अस्पताल के मुख्य भवन पर ही उतर गए हैं। थोड़ी देर बाद जब वह नहीं आए तो मैसेज आया कि वह इमरजेंसी रूम में बैठे हैं तथा वहीं सीएस को बुला रहे हैं। वहां जाकर देखा तो पता चला कि एक मरीज काफी देर से हड्डी के डॉक्टर को ढूंढ रहा था लेकिन वह नहीं मिले। इसी दौरान उसे किसी ने बताया कि कलेक्टर साहब आए हैं, यह देखते ही मरीज ने अपनी पूरी पीड़ा उन्हें सुना दी। जिसके बाद कलेक्टर ने भी ओपीडी देखी तो वहां कोई डॉक्टर नहीं मिले। इस पूरे एपिसोड को लेकर कलेक्टर ने सीएस से करीब आघा घंटे तक गहना चर्चा की। जिसमें उन्होंने ओपीडी व्यवस्था को सुधारने के अलावा बंद ओटी को फिर से चालू कराने के निर्देश दिए।
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अस्पताल में हड्डी के 4 डॉक्टर फिर भी मरीज परेशान
जिला अस्पताल में हड्डी के इस समय चार डॉक्टर हैं। इनमें आरएमओ की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ सुधीर राठौर के अलावा योगेश द्विवेदी, वीरेंद्र धाकड़ तथा विजय सागरिया हैं। इसके बावजूद अधिकांश समय मरीजों को यह डॉक्टर ओपीडी व अपने कक्ष में नहीं मिलते। इसके अलावा शुक्रवार को आंख, नाक कान गला, दंत चिकित्सक भी अपने कक्ष से गायब थे। जबकि मरीज बाहर बैठे इंतजार कर रहे थे।
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यह बोले जिम्मेदार
कलेक्टर साहब ने बंद ओटी को फिर से चालू करने के निर्देश दिए हैं। जिस मरीज ने हड्डी के डॉक्टर न मिलने की शिकायत की थी उसका इलाज करवा दिया गया है। इसे लेकर कोई खास निर्र्देश नहीं दिए। जो स्थिति थी उससे कलेक्टर को अवगत कर दिया गया था।
डॉ हर्षवर्धन जैन, सीएस