
हवा भी पहले से ज्यादा साफ, पेट्रोल की खपत आधी और हादसे 5 प्रतिशत से भी कम
गुना @ मोहर सिंह लोधी की रिपोर्ट
एक माह से जारी लॉक डाउन ने जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। इससे कोरोना संक्रमण की र तार में तो कमी आई है, साथ ही दिनचर्या और कामकाज के तरीकों में आए बादल से सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। अस्पताल में जहां मरीजों की सं या घट गई है, वहीं सड़क हादसे पांच प्रतिशत से भी कम हो गए। हवा पहले से भी कहीं ज्यादा साफ है।
ये हकीकत पत्रिका की पड़ताल में सामने आई है। फरवरी में गुना शहर में प्रदूषण 80 से 90 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर था, जो 30 से 40 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर रह गया है। जनवरी से 23 मार्च तक 83 दिनों में 166 सड़क हादसे हुए और 28 लोगों ने जान गंवाई। लॉक डाउन के 32 दिनों में 7 सड़क दुर्घटनाएं और दो लोगों के जान गंवाने की घटनाएं सामने आ सकीं। अस्पताल में मरीजों की सं या भी काफी कम हो गई है। इनके अलावा फैक्टरी, निर्माण कार्यों के दौरान दुर्घटनाओं में भी लोगों की जान जाती है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से दुर्घटनाओं और सड़क हादसों में कमी आई है।
जाम से मिली राहत
उधर, गुना शहर में हनुमान चौराहा, जयस्तंभ चौक पर बीजी रोड पर लगने वाले जाम से भी लोगों को राहत मिली है। वाहनों की आवाजाही बंद होने से दमा के मरीजों को काफी राहत है। उल्लेखनीय है कि लॉक डाउन का प्रकृति पर भी अच्छा असर पड़ा है। जंगलों की कटाई दुकी है। पक्षी और जानवर भी नदी तालाबों के पास स्वछंद विचरण कर रहे हैं।
जिला अस्पताल में आए 7201 के मरीज
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए संदिग्ध मिलने पर 330 लोगों के सैंपल लिए हैं, जबकि 386 लोगों को सरकारी भवनों में क्वारंटाइन किया है। इसी बीच जिला अस्पताल में 1 से 24 अप्रैल के बीच अन्य बीमारियों के 7201 मरीज सामने आए। इनमें कैंसर के 26, डायलिसिस के 128, मेडिसिन के 1445, सर्जरी के 526, प्रसूति वार्ड में 948, हड्डी के 72, शिशु संबंधी बीमारी के 348, एसएनसीयू के 165 और मानसिक रोगी 130 आए हैं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार अप्रैल के 24 दिनों में ये मरीज सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना की रोकथाम के लिए 19254 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 10 हजार 982 व्यक्तियों को होम क्वारंटाइन किया है।
पेट्रोल आधा व डीजल बिक्री 30 प्रतिशत घटी
लॉक डाउन से शहर थम गए। वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। गुना जिले में तीन पेट्रोलियम कंपनियों का कारोबार हैं और उनके 61 पेट्रोल पंप हैं। इंडियन ऑयल के 30 और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 20 से अधिक पंप हैं। इन पंपों से पेट्रोल की खपत आधी रह गई है और डीजल की खपत 30 प्रतिशत घट गई है। इसी तरह भारत पेट्रोलियम के करीब 11 पंपों पर डीजल की खपत 15 से 20 प्रतिशत घट गई है। हाईवे पर वाहनों की सं या में कमी आई है। गांव में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और मोटर साइकिलें चल रही हैं। गुना से गुजरे एबी से 24 घंटे में 5 हजार वाहन गुजरते थे, अब 2 हजार ही निकल रहे हैं।
गुना की हवा से गायब हुए धूल के कण
लॉक डाउन से छोटे काम धंधे और मजदूरों आजीविका चौपट हो गई है, लेकिन वाहनों की आवाजाही बंद होने से धूल के कण गायब हो गए हैं। जयस्तंभ और हनुमान चौराहा पर लॉक डाउन से पहले 80 से 90 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर धूल के कण थे। जो 24 अप्रैल को 30 से 40 प्रतिशत रह गए हैं। रिहायशी क्षेत्र दुबे कालोनी, सोनी कालोनी और दुर्गा कालोनी की हवा भी काफी साफ हो गई है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कनिष्ठ वैज्ञानिक जेके राजौरिया ने बताया कि वाहन बंद हैं। न तो धूल उड़ रही है और ना ही वाहन चल रहे हैं। इससे हवा साफ हो गई है। ध्वनि प्रदूषण भी पूरी तरह से नियंत्रण में आ गया है।
लॉक डाउन से पहले 166 हादसे, बाद में 7 घटनाएं, दो की मौत
लॉक डाउन का एक माह पूरा हो गया है। सड़क हादसों में अभूतपूर्व कमी सामने आई है। जनवरी, फरवरी और मार्च में 23 तारीख तक गुना शहर और जिले में 166 सड़क हादसे हुए। इनमें 28 लोगों ने जान गंवाई और 228 लोग घायल हो गए। 24 मार्च से 24 अप्रैल के बीच एक महीने के भीतर 7 सड़क दुर्घटनाएं सामने आईं, जिनमें 2 लोगों की मौत और 8 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में अधिकांश बाइक चालक हैं। रोड एक्सीडेंट में भारी कमी आई है कई लोगों की जान बच गई।
50 टन में से घटकर अब हर दिन 45 टन निकल रहा कचरा
उधर, नपा शहर में 495 कर्मचारियों से सफाई करा रही है। लॉक डाउन से पहले 50 टन कचरा निकलता था। जो घटकर 45 टन के करीब रह गया। लॉक डाउन से बाजार बंद है। किराना, डेयरी, मेडिकल और फल-सब्जी की दुकान ही खुली हैं। बर्तन, सर्राफा, इलेक्ट्रोनिक्स, कपड़ा सहित दूसरे प्रतिष्ठान बंद है। इससे बाजार में कचरा नहीं निकल रहा है।
Published on:
26 Apr 2020 02:29 pm
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