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कॉलोनी के निर्माण का रास्ता साफ, फर्जीवाड़े का आरोप साबित नहीं कर पाया वादी

याचिका हुई खारिज ऐसा साक्ष्य या आधार नहीं, जिससे कॉलोनी निर्माण पर रोक लगाई जा सके: हाईकोर्ट

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गुना

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Praveen Mishra

Apr 12, 2023

कॉलोनी के निर्माण का रास्ता साफ, फर्जीवाड़े का आरोप साबित नहीं कर पाया वादी

कॉलोनी के निर्माण का रास्ता साफ, फर्जीवाड़े का आरोप साबित नहीं कर पाया वादी

गुना. शहर में एबी रोड पर बनने वाली बाहुबली पुरम के निर्माण और जमीन में गड़बड़ी आदि को लेकर लगाई याचिका को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की एकल पीठ ने खारिज कर दिया है।

इस याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत याचिका में ऐसा कोई साक्ष्य या आधार नहीं है जिस पर उस जमीन पर कॉलोनी के निर्माण होने पर रोक लगाई जा सके। कोर्ट के आदेश के बाद बाहुबलीपुरम के निर्माण का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। इस जमीन पर अपना अधिकार बताकर दूसरे लोगों पर जमीन का फर्जीवाड़ा करने आदि का आरोप लगाकर सुनीता पाराशर की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने निर्णय में उस याचिका को खारिज कर दिया है। इसकी सुनवाई हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की एकल पीठ के जज मिलिन्द रमेश फडके के समक्ष हुई।

ये है मामला

इस याचिका में वादी सुनीता पाराशर पत्नी भगवत पाराशर ने प्रमुख सचिव राजस्व, गुना कलेक्टर, राजस्व आयुक्त, शैलेन्द्र रघुवंशी, पल्लवी जैन, सिद्धार्थ जैन, राधा मीना, धर्मेन्द्र कुमार, अखिलेश जैन समेत 93 लोगों को पार्टी बनाया था, इनमें वे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने बाहुबली पुरम में प्लॉट खरीदे थे। याचिका में सुनीता पाराशर की और से कहा गया था कि इस जमीन की रजिस्ट्री करने में गड़बड़ी हुई है, डायवर्टेड भूमि होने के बाद भी कृषि भूमि में रजिस्ट्री कराने में अधिकारियों ने जानबूझकर शासन को राजस्व की क्षति कराई है।

इसके अलावा निर्मित कॉलोनी में रेरा प्रावधानों के अनुसार रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा याचिका में उल्लेखित जमीन के संबंध में नक्शा अनुमोदन के संबंध में जो कार्रवाई की गई है उसकी सीबीआई जांच कराई जाए। पूर्व में भगवत पाराशर और सुनीता पाराशर ने इस भूमि पर आपत्ति कर गलत तरीके से जमीन बेचने का आरोप लगाकर जांच कराने की मांग कोर्ट में और संबंधित अधिकारियों से शिकायत की थी।

कोर्ट ने यह पाया

इस याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता के पति भगवत पाराशर इस भूमि में पूर्व में निवेशक थे। विवाद होने पर इन्होंने अपने आपको शेयर वापस लेकर अलग कर लिया था। पूर्व में भगवत पाराशर और सुनीता पाराशर ने भी एक याचिका लगाई थी जिसमें सीबीआई से जांच कराए जाने की बात कही थी। यह आरोप लगाया था कि कॉलोनाइजर अखिलेश जैन आदि गलत तरीके से जमीन खरीदकर और नियम कायदों को दरकिनार कर इस कॉलोनी का निर्माण कर रहे हैं और जनता को भ्रमित कर रहे हैं, इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। उस पर जिला दंडाधिकारी गुना के माध्यम से जांच कराई गई थी। जिसमें जिला दंडाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, उसमें बड़ा कोई विवाद नहीं आया था, जो मामूली विवाद थे उनका निराकरण हो गया है। इसलिए जिन बिन्दुओं को लेकर पुन: याचिका लगाई गई है वह याचिका में ऐसे कोई बिन्दु नहीं है जिस पर इस कॉलोनी के निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया जाए। इस तरह याचिका खारिज कर दी गई।

करोड़ों रुपए कीमत है इस भूमि की...ग्राम पंचायत हिलगना के बोरखेड़ा गांव में चार वर्ष पूर्व कॉलोनाइजर अखिलेश जैन आदि ने बाहुबलीपुरम के नाम से 35 बीघा में एक कॉलोनी का निर्माण शुरू कराया था। इसका निर्माण शुरू होते ही गुना निवासी भगवत पाराशर ने आपत्ति लगाई कि यह जमीन उनकी पत्नी सुनीता के नाम से है। इसका एग्रीमेन्ट एक दशक पूर्व शैलेन्द्र रघुवंशी से उन्होंने किया था। शैलेन्द्र ने बाद में यह जमीन उनको नहीं दी और न ही उनका पैसा वापस किया था। शैलेन्द्र रघुवंशी ने पाराशर के आरोपों का खण्डन किया था। यह जमीन बाद में कॉलोनाइजर अखिलेश जैन आदि ने शैलेन्द्र रघुवंशी से खरीद ली थी। जिसके सभी प्लॉट बिककर रजिस्ट्री तक हो चुकी है।