जिले में पांच हजार किसान लापता, बारह सौ किसानों के एक से अधिक बार नाम...
गुना। राज्य सरकार ने भले ही सबसे पहले किसानों के ऋण माफी वाली फाइल पर साइन किए हों। लेकिन इसकी राह में अभी कई मुश्किलें हैं। जैसे-जैसे फार्म भरने का काम आगे बढ़ रहा है, प्रकरणों में विसंगतियां उजागर हो रही हैं। जिले में अब तक 11 हजार 106 किसानों केसों में गड़बड़ी मिली हैं। इनमें 5 हजार से अधिक किसान लापता हैं और 3 हजार किसानों की मौत हो चुकी है।
जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत बैंकों से प्राप्त सूची के अनुसार 83 हजार 220 किसानों का कर्जा माफ होना है। लेकिन इनकी राशि कितनी है, ये अभी तक साफ नहीं हो सका है। वहीं गड़बड़ी मिलने के कारण 11 हजार 106 किसानों के फार्म भरे नहीं हो पाए हैं। जिन्हें अलग रख लिया गया है।
सूची में 5 हजार 460 किसान लापता हैं। इन किसानों के नाम बैंकों से प्राप्त सूची में तो हैं, लेकिन जिन गांवों में इनके नाम आ रहे हैं, वहां ये किसान अब तक नहीं मिले हैं। जिसके कारण इन किसानों के फार्म भरे नहीं हो सके हैं। किसानों को तलाश करने का काम जारी है। इसके अलावा 3036 किसानों की मौत हो चुकी है। ऐसे किसानों के वारिसों को बुलाकर जरूरी कार्रवाई करवाई जा रही है।
810 किसान बाहर के
किसानों की सूची में ऐसे नाम भी सामने आ रहे हैं, जो बाहर है। जिपं सीईओ नीतू माथुर के अनुसार जिले में अब तक ऐसे 810 किसान मिल चुके हैं। इनमें से कुल अशोकनगर जिले के हैं तो कुछ शिवपुरी जिले के। जमीन दूसरे जिलों में होने के बावजूद किसानों ने गुना के बैंकों से ऋण ले लिया, इसलिए उनके नाम गुना जिले की सूची में आ गए। जिपं सीईओ के अनुसार इन किसानों को वहीं फार्म भरना होगा, जहां इनकी जमीन है।
ऋण लिया नहीं फिर भी आ गया नाम
जिले में 373 किसानों ने ऋण न लेने की जानकारी दी है। किसानों का कहना है कि उन्होंने ऋण नहीं लिया, फिर भी सूची में नाम आ गया। ऐसे किसानों के फार्म जनपद सीईओ को अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह की गड़बड़ी अधिकांशत: सोसायटियों से हुई है। जहां किसान की जानकारी के बगैर उसके नाम से ऋण ले लिया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन किसानों की अनुमानित ऋण राशि 48 लाख 21 हजार के आसपास है।
शासकीय सेवक व कर दाता भी शामिल
ऋणी किसानों में शासकीय सेवक व करदाता किसान भी शामिल हैं। इन किसानों की संख्या 575 है। इसके अलावा 1276 नाम ऐसे हैं, जो एक से अधिक बार दर्ज है। हालांकि इनका बैंक व ऋण राशि समान है। कई किसानों के नाम तो तीन से चार बार तक सूची में आ रहे हैं। वहीं 380 किसानों के प्रकरण त्रुटी पूर्ण पाए गए हैं।
58 हजार किसानों के फार्म भरे
जिले में अब तक कुल 58 हजार 440 किसानों के फार्म भरे जा चुके हैं। विसंगति वाले फार्मों को हटाकर अब जिले में 12 हजार 864 किसानों के फार्म और भरे जाने हैं। जबकि फार्म भरने के लिए अब केवल तीन दिन शेष हैं। फार्म भरवाने के लिए जिले में हर ग्राम पंचायत में दो कर्मचारी के हिसाब से 850 कर्मचारी काम पर लगे हैं।
सोसायटियों से गड़बड़ आ रही है। उनकी जांच की जाएगी। फिलहाल जनपद सीईओ को ऐसे फार्म अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं। गुलाबी फार्मों की जांच के लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर समितियां गठित कर जांच करवाई जा रही है। ब्लॉक स्तर पर समितियों को निराकरण कर जिला स्तरीय समिति को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
नीतू माथुर, सीईओ जिपं गुना।