
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) (Photo Source - Patrika)
MP News: मतदाता सूची का अब तक का सबसे बड़ा डेटा चेकअप अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंचने वाला है। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान जो आंकड़े सामने आए है, उन्होंने प्रशासन से लेकर बीएलओ तक सभी की चिंताएं बढ़ा दी है। कुल 16,486 मतदाता ऐसे मिले हैं जिनके नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची से डाटा नहीं मिल पा रहा है, यानी यह वह लोग हैं जो वर्षों बाद पहली बार सामने आए है।
वहीं 61307 मतदाताओं की जानकारी बीएलओ को कहीं से नहीं मिल पाई, न पुराने पते पर, न पड़ोस में, न परिवार के किसी सदस्य से। इनमें सबसे बड़ी संख्या उन महिलाओं की है, जो विवाह होकर दूसरे जिले या राज्यों में चली गई है।
उधर, चुनाव आयोग के नए सॉफ्टवेयर ने भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए है। जिले में ऐसे हजारों मतदाता सामने आए है जिनके डबल नाम और डबल फोटो दर्ज थे। कुछ का नाम गुना के अलावा मंडला, दमोह जैसे जिलों में भी पाया गया। तकनीक ने इन्हें पहचान कर एक जगह मैप किया है। इतने ही नहीं, 11,352 मृत मतदाताओं के नाम भी सूची में सक्रिय रूप से मौजूद मिले, जिन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
एसआइआर की मौजूदा प्रगति बताती है कि जिले में कुल 16.486 मतदाता ऐसे पाए गए हैं, जिनके नाम वर्ष 2003 की आधार मतदाता सूची में दर्ज नहीं हैं। यानी उनके माता-पिता-दादा-दादी के नाम नहीं मिल रहे हैं। दूसरी तरफ 61.307 लोग ऐसे हैं जिनकी कोई ठोस जानकारी बीएलओ को नहीं मिल पाई। यह वह लोग हैं जो लंबे समय से अपने पते से गायब हैं। या फिर पलायन के चलते उनके ठिकाने का पता नहीं चल सका। बीएलओ की टीमों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति उन हजारों महिलाओं की खोज है, जो विवाह होकर दूसरे जिले या राज्य में चली गई हैं। पुराने पते पर उनकी कोई जानकारी नहीं मिली।
जिले में एसआइआर का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। बीएलओ गुरुवार देर शाम तक फाइनल सूची तैयार कर लेंगे। इसके बाद 16 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इस बीच मतदाता दावे-आपत्तियां भी दर्ज करा सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दौरान उन परिवारों को नोटिस भेजा जाएगा, जिनका या जिनके परिवार का नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नहीं मिलता। ऐसे परिवारों को यह साबित करना होगा कि वह भारत के निवासी हैं और मतदाता बनने के योग्य हैं। इसके लिए दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
जिले में अभी भी 11,352 मृत मतदाताओं के नाम सूची में मौजूद है। एसआइआर के दौरान इन्हें हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसके तहत मृतक के परिजनों को नोटिस जारी किया जाएगा। यदि परिजन उपलब्ध नहीं है, तो मोहल्ले-पड़ोस के लोगों की मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया जाएगा और उसके आधार पर नाम हटाए जाएंगे। यह प्रक्रिया कानूनी औपचारिकताओं के साथ पूरी की जाती है, ताकि भविष्य में किसी विवाद की आशंका न रहे।
Published on:
11 Dec 2025 01:27 pm
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