
रोहतक. शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने शहरी निकायों में सीएलयू पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब ऑनलाइन प्रक्रिया व्यवस्था होने पर सीएलयू चेंज ऑफ लैंड यूज शुरू होगी। ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने तक सीलयू से जुड़े किसी केस को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। शहरी निकायों में सीएलयू के मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर नोटिस लेते हुए विज ने महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमाशंकर को निर्देश दिए हैं कि गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डवलपमेंट अथॉरिटी की तर्ज पर ऑनलाइन सीएलयू किए जाएं। सभी दस नगर निगमों, 19 नगर परिषदों और 61 नगर पालिकाओं में सीएलयू की मंजूरी ऑनलाइन दी जाएगी।
सभी निकायों में ऑनलाइन मिलेंगे सीएलयू
दरअसल शहरी क्षेत्रों में पेट्रोल पंप, होटल, बैंक्वेट हॉल, मैरिज पैलेस, ढाबों के साथ ही आवासीय और वाणिज्यिक भवन बनाने से पहले सीएलयू की मंजूरी लेनी होती है। आमतौर पर शहर से बाहर लेकिन निकायों के दायरे में आने वाली जमीन के लिए यह मंजूरी जरूरी है। सीएलयू के मामलों में बड़ा खेल होने की शिकायतें विज तक पहुंच रही थीं। इसके बाद मंत्री ने सभी निकायों में गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश दिया है।
कर्मचारी नहीं रोक सकेंगे फाइल
सीएलयू की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवेदन करने पर आवेदक को रसीद मिलेगी और उसे एक नंबर दिया जाएगा। इसके आधार पर वह घर बैठे फाइल का स्टेट्स चेक कर सकेंगे। परमिशन में देरी पर कारण भी संबंधित अधिकारी को बताना होगा। बिना कारण देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
ऑनलाइन सिस्टम लागू होने तक रोक
अब तक नगर निगमों, परिषद और पालिकाओं में सीएलयू की अधिकतर फाइलों को विभाग के निदेशक द्वारा ही निपटा दिया जाता है। कुछ ही मामलों में फाइल मंत्री तक आती है। डायरेक्टर भी ऑनलाइन सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद ही अब सीएलयू की मंजूरी दे सकेंगे।
Published on:
10 Jan 2020 10:15 pm
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