
(आइजोल): लगभग 22 सालों से घर से दूर शरणार्थियों की तरह जीवन बिताने वाले त्रिपुरा के ब्रू-शरणार्थियों ( Bru Refugees ) के अच्छे दिन आने वाले है। ब्रू शरणार्थियों को फिर से घर बसाने में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए केंद्र सरकार ( Modi Government ) ने 350 करोड़ रूपए मंजूर किए है। साथ ही इनके घर आने की प्रक्रिया का 9वां चरण भी जल्द शुरू होने वाला है। ब्रू-शरणार्थियों को क्या सुविधाएं मिलेगी और कब जाएंगे घर आइए जानते है...
दिल्ली में हुई बैठक
ब्रू शरणार्थियों के प्रत्यावासन (घर वापसी के लिए) को लेकर गठित एक संयुक्त निरीक्षण समूह की बीते दिनों दिल्ली में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता गृहमंत्रालय में आंतरिक सुरक्षा के विशेष सचिव ए.पी माहेश्वरी ने की। बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों के अलावा त्रिपुरा और मिज़ोरम के गृह विभागों के प्रतिनिधि और ब्रू संगठन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहें। केंदीय गृहमंत्रालय के एक आला अधिकारी ने जानकारी दी की बैठक में ब्रू शरणार्थियों के लिए 350 करोड़ रूपए मंजूर किए गए है।
मिलेंगी यह सुविधाएं
राज्य के गृह सचिव ललबिआकजामा मे विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इन अनुमोदित 350 करोड़ रुपये का उपयोग परिवहन खर्च और पुनर्वास पैकेज के तौर पर होगा। सरकार ने प्रत्येक प्रत्यावासित होने वाले परिवार के बैंक खाता में 4 लाख रुपये जमा करने का वायदा किया है। जिनमें से 1.5 लाख रुपये घर निर्माण हेतु सहायता, दो साल के लिए मुफ्त राशन और 5 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। मिज़ोरम सरकार ब्रू लोगों को मिज़ोरम में लाने के लिए जरूरी परिवहन साधनों की व्यवस्था करेगी।
1 अक्टूबर से होगी घर वापसी शुरू
मिज़ोरम सरकार ( Mizoram Government ) ने घर वापसी के लिए 3 से 20 जुलाई के दौरान त्रिपुरा के 6 राहत शिविरों में रह रहे 4,447 ब्रू परिवारों की पहचान की थी। 26,100 ब्रू-शरणार्थियों को मिज़ोरम में बसाने के लिए चुना गया हैं। हालांकि शिविर में 33,000 शरणार्थी रह रहे हैं लेकिन शेष लोग अपने दस्तावेज पेश नहीं कर पाएं। आगामी 1 अक्टूबर से इनको वापिस मिज़ोरम में बसाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हिंसा के चलते त्रिपुरा आए थे ब्रू
ब्रू–समुदाय एक अनुसूचित जनजाति समुदाय हैं। 1997 में मिज़ोरम में बहुसंख्यक मिज़ो समुदाय और अल्पसंख्यक ब्रू-समुदाय के बीच सामुदायिक तनाव के चलते हजारों ब्रू लोग पड़ौसी राज्य त्रिपुरा आ गए थे। नवंबर 2009 में ब्रू प्रत्यावासन के पहले चरण के दौरान राज्य के मामीत जिला के बुंगथूआम गांव एक फिर हिंसा भड़क जाने के बाद प्रक्रिया को रोक दिया गया था। ब्रू शरणार्थियों की घर वापसी के लिए 2009 से त्रिपुरा और मिज़ोरम की सरकारें प्रयास कर रही हैं। लेकिन कई लोगों ने अपर्याप्त पुनर्वास पैकेज और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए वापस लोटने से मना कर दिया।
Published on:
09 Sept 2019 05:36 pm
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