असम में डेढ़ लाख से अधिक अवैध विदेशियों की हुई पहचान की गई है। इन विदेशियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। उनको वापस उनके देश भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
-उन्हें वापस उनके देश भेजने की होगी व्यवस्था
गुवाहाटी . असम में डेढ़ लाख से अधिक अवैध विदेशियों की हुई पहचान की गई है। इन विदेशियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। उनको वापस उनके देश भेजने की व्यवस्था की जाएगी। यह जानकारी बुधवार को असम के मंत्री अतुल बोरा ने दी। वे असम गण परिषद (एजीपी) के विधायक रामेंद्र नारायण कालिता के सवाल का जवाब राज्य विधानसभा में दे रहे थे। सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि 1985 के असम समझौते के प्रावधानों के अनुसार राज्य में 1.56 लाख से अधिक अवैध विदेशियों का पता लगाया गया है, जबकि उनमें से 30,000 से अधिक को अब तक वापस भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि समझौते के विभिन्न खंड कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं और इस पर सरकार को सलाह देने के लिए एक उप-समिति बनाई गई है।
विधायक रामेंद्र नारायण कालिता के एक सवाल का जवाब देते हुए बोरा ने कहा कि समझौता नियमों के अनुसार, 31 जुलाई, 2023 तक राज्य में 1,56,651 अवैध विदेशियों की पहचान की गई है। छह साल लंबे आंदोलन के बाद अगस्त 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें यह भी कहा गया है कि 25 मार्च, 1971 को या उसके बाद असम आने वाले विदेशियों के नाम का पता लगाया जाएगा, मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेजने के लिए कदम उठाए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इसके आधार पर 31 अगस्त तक 30,089 अवैध विदेशियों को वापस भेजा गया है।