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बड़ा फैसला: असम में यहां बनेगा विश्व का सबसे लंबा फ्लाईओवर, होगी यह खूबियां

World Longest Flyover: असम में बाढ़ ( Assam Flood ) के समय काजीरंगा राष्ट्रीय उद्दयान ( Kaziranga National Park ) के जीवों की जान पर बन आती है, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ( National Green Tribunal ) ने हरि झंडी दिखाई, ( Modi Sarkar Ka bada Faisla ) ...

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World Longest Flyover

बड़ा फैसला: असम में यहां बनेगा विश्व का सबसे लंबा फ्लाईओवर, होगी यह खूबियां

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): भारत एक ओर इतिहास रचने वाला है। असम में विश्व के सबसे लंबे फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्दयान ( Kaziranga National Park ) के किनारे बनने वाले इस फ्लाईओवर की लंबाई 36 किलोमीटर और चौडाई 11 मीटर होगी। इसे बनाने का मुख्य कारण है कि...

इसलिए होगा निर्माण, सरकार ने दी मंजूरी

काजीरंगा पार्क से जीव-जंतुओं के 37 नबंर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने के दौरान कोई नुकसान न हो इसलिए फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। फ्लाईओवर के निर्माण के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ( National Green Tribunal ) ने हरी झंडी दिखाई है। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ( Assam CM ) ने भी इस पर मुहर लगा दी है। वन्यजीवों को आनेजाने में कोई दिक्कत न हो इसकों ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक तकनीक से इसे बनाया जाएगा। आखिर कब तक बनेगा यह फ्लाईओवर...


इस साल तक बनने की संभावना...

फ्लाईओवर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम मुंबई स्थित वाडिया टेक्नो इंजीनियरिंग सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। इस डीपीआर को बनाने के लिए संस्थान को 3.76 करोड़ दिए जाएंगे। राज्य के वन मंत्री परिमल शुक्ल वैद्य ने बताया कि 9 नवंबर को वाडिया लिमिटेड डीपीआर सौंप देगा। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो वर्ष 2020 के अंत में या 2021 की शुरुआत में इस फ्लाईओवर का निर्माण शुरु होगा।


यहां से होगा शुरू, इतनी होगी लागत

काजीरंगा के बुढापहाड़ से इस फ्लाईओवर का निर्माण होगा। फ्लाईओवर के निर्माण में लगभग 2,625 करोड़ रुपए खर्च होंगे।


होती है जीव-जंतुओं की मौत

मालूम हो कि असम में जब बाढ़ आती है और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्दयान डूब जाता है तो वहां के जीव-जंतु 37 नबंर राष्ट्रीय राजमार्ग पार कर कार्बी आंग्लांग की पहाड़ियों में जाते हैं। तभी राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले हाई स्पीड वाहनों की चपेट में आने से जीव-जंतुओं की जान चली जाती है।


टाइम कार्ड नहीं करते उचित प्रयोग

इस समस्या से बचने के लिए वन विभाग टाइम कार्ड सिस्टम इस दौरान चलाता है। टाइम कार्ड वाहनों को समय के साथ दिया जाता है, उसके अनुसार वाहन को बीस किमी की रफ्तार से इलाके से गुजरना होता है। यदि वाहन समय से पहले उस इलाके को पार करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। काफी समय से फ्लाईओवर की मांग की जा रही थी।

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