
dial 112
ग्वालियर. अपराधों और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए करीब दस साल पहले शुरू हुई पुलिस की हेल्पलाइन डायल 100 अब नए कलेवर में डायल 112 के रूप में संचालित हो रही है। जिले में इन वाहनों की संख्या 50 तक पहुंच गई है, जो शहर और देहात में रोज करीब 1500 किलोमीटर (औसतन 30 किमी प्रति वाहन) का फेरा लगा रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी गश्त और आधुनिक सुविधाओं के बावजूद ये वाहन अपराधों पर लगाम कसने में ‘हेल्पलेस’ साबित हो रहे हैं, और अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस अधिकारी मानते हैं कि नई डायल 112 हाईटेक और सुविधायुक्त हैं।
डायल 112 के वाहन दिन में शिकायत आने पर और रात को पुलिस के साथ थाना इलाके में गश्त करते हैं। इन वाहनों के चालक बताते हैं शहर में रात गश्त का फेरा कम रहता, देहात में चक्कर लंबे लगते हैं, कम से कम 50 किलोमीटर का फेरा लगाते हैं। शहर और देहात के वाहनों का औसतन रोज का फेरा मानें तो 30 किलोमीटर का राउंड तो एक गाड़ी लगाती है। इस हिसाब से हर दिन 50 गाडिय़ां करीब 13 हजार 774 रुपए का ईंधन निगरानी में फूंक रही हैं। महीने में करीब 4 लाख 13 हजार 235 रुपए का ईंधन खर्चा आता है। इसके बावजूद, पुलिस के लिए घर में घुसकर चोरी और वाहन चोरी रोज का सिरदर्द बनी हुई है।
पिछले महीने शहर और देहात पुलिस के खाते में अपराधों की एक लंबी फेहरिस्त दर्ज हुई है, 23 बच्चों के अपहरण (नाबालिगों के गुमने के मामले में भी पुलिस अपहरण का केस दर्ज करती है) हालांकि इनमें ज्यादातर बच्चे बाद में पुलिस ने तलाश लिए हैं। 42 वाहन चोरी, घर में चोरी की 26 वारदातें, सर्राफ की दुकान में दिनदहाड़े लूट का प्रयास, दुश्मनी में गोली मारने की 2 घटनाएं, दिनदहाड़े महिलाओं से गहने उतरवाने की 2 घटनाएं, हवाई फायर 4, पिस्टल छीनने की 1 वारदात, लूट 1, एटीएम में कार्ड बदलकर ठगी, 1 और कार के कांच तोडक़र सामान उड़ाने की, 1 वारदात देहात में मवेशी चोरी की 1 वारदात आई है, लेकिन इनमें से किसी भी वारदात में हेल्पलाइन वाहन अपराधियों को घेर नहीं पाई हैं।
रिटायर्ड सीएसपी और डायल 100 सेवा के पूर्व जिला प्रभारी दीपक भार्गव का कहना है, डायल 112 में तैनात स्टाफ ज्यादातर सूचना आने का इंतजार करने की आदत में उलझा है। इस लेटलतीफी का फायदा अक्सर अपराधियों को मिलता है। ये वाहन पुलिस अधिकारियों की सीधी निगरानी में रहेंगे तो कसावट ज्यादा बेहतर होगी, क्योंकि रेडियो ङ्क्षवग का फील्ड में मूवमेंट कम है, जिससे स्टाफ में लापरवाही पर पकड़े जाने का डर कम है।
Published on:
06 Nov 2025 05:57 pm
बड़ी खबरें
View Allग्वालियर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
