
ग्वालियर. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने गोल्ड ज्वैलरी पर गत 16 जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी थी। ऐसे में हॉलमार्किंग सेंटर खोलने पर जोर दिया जाने लगा था। देश भर में पिछले साल सितंबर तक 921 हॉलमार्किंग सेंटर थे, ये आंकड़ा अब बढकऱ 978 पर जा पहुंचा है। वहीं 112 एप्लीकेशन बीआइएस के पोर्टल पर पेंडिंग हैं। वहीं किन्हीं कारणों से 112 एप्लीकेशन को बीआइएस ने रद्द कर दिया है। आने वाले दिनों में हॉलमार्किंग सेंटर के और बढऩे की उम्मीद जताई जा रही है। 23 अगस्त को हुई सराफा कारोबारियों की हड़ताल के बाद सरकार ने मेन्युफैक्चरर (निर्माता) को हॉलमार्क सेंटर खोलने की अनुमति प्रदान की थी। वहीं केंद्र की नीतियों के विरोध में हॉलमार्किंग सेंटर संचालकों ने 28 सितंबर मंगलवार को एक दिन की हड़ताल भी की।
छह पीस ज्वैलरी में लग रहे 8 घंटे
हॉलमार्किंग के नए नियमों के अंतर्गत कारोबारी लेटलतीफी और हॉलमार्किंग यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (एचयूआइडी) की जटिल प्रक्रिया से परेशान हैं। सराफा कारोबारियों के मुताबिक स्पेशल ऑर्डर या कोई भी सिंगल पीस ज्वैलरी में हॉलमार्किंग का नियम नहीं होने की वजह से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। 30 से 40 पीस के हॉलमार्किंग में सेंटर में 4 से 5 दिन का समय लग रहा है, वहीं 5 से 6 पीस के गहनों में 7 से 8 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। एचयूआइडी का सर्वर डाउन होने की परेशानी लगातार बनी हुई है। सराफा कारोबारियों को त्योहारी सीजन में हॉलमार्किंग में 6 से 7 घंटे के समय को लेकर भी चिंता है।
60 लाख में खुल पाता है हॉलमार्किंग सेंटर
हॉलमार्क सेंटर पर गोल्ड की हॉलमार्किंग की जाती है। एक सेंटर को खोलने में 50 से 60 लाख रुपए का खर्च आता है। इसके लिए एसआरएफ मशीन, लेजर मशीन, कांटे, फर्निश्ड भट्टियां आदि लगाने पड़ते हैं। जो भी व्यक्ति हॉलमार्किंग सेंटर खोलना चाहता है उसे बीआइएस के पोर्टल पर जा कर आवेदन करना होता है। हॉलमार्क सेंटर पर 35 रुपए प्रति नग के हिसाब से गोल्ड को हॉलमार्क किया जाता है, जिस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। यानी एक जेवर पर हॉलमार्किंग में 43 रुपए का खर्च होता है। हॉलमार्किंग सेंटर संचालक इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
कड़ी के रूप में काम करते हैं हॉलमार्किंग सेंटर
सरकार ने सराफा कारोबारियों की मांग को मानते हुए आभूषण निर्माताओं को हॉलमार्क सेंटर खोलने की अनुमति प्रदान की थी उससे एचयूआइडी आने के बाद सेंटर का लोड काफी कम होगा। हॉलमार्किंग सेंटर सराफा कारोबारियों के बीच की एक कड़ी के रूप में काम करते हैं। ऐसोसिएशन की मंशा है कि उपभोक्ताओं तक क्वालिटी वाला जेवर पहुंचे।
- राजा सराफ, अध्यक्ष, मप्र सराफा ऐसोसिएशन संघर्ष समिति
978 सेंटर खुल चुके हैं
गोल्ड ज्वैलरी पर गत 16 जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई थी। इसके बाद अभी तक देश भर में 978 हॉलमार्किंग सेंटर खोले जा चुके हैं। इनमें से 112 एप्लीकेशन किन्हीं कारणों से पेंडिंग हैं। वहीं मध्यप्रदेश में कुल 21 हॉलमार्किंग सेंटर काम कर रहे हैं।
- रमन कुमार त्रिवेदी, साइंटिस्ट, भारतीय मानक ब्यूरो
Published on:
28 Sept 2021 10:40 pm
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