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73वें स्थान पर आने के बाद नहीं बदल सकी सफाई व्यवस्था, स्टेशन के हर कौने पर पड़ी रहती है गंदगी

चार महीने पहले देश भर के रेलवे स्टेशनों की सफाई रैंकिंग में ग्वालियर 73वें स्थान पर आया था। उसके बाद झांसी मंडल के डीआरएम एके मिश्रा ने तीन महीने के अंदर स्टेशन का सफाई ठेकेदार को बदलने

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73वें स्थान पर आने के बाद नहीं बदल सकी सफाई व्यवस्था, स्टेशन के हर कौने पर पड़ी रहती है गंदगी

ग्वालियर. चार महीने पहले देश भर के रेलवे स्टेशनों की सफाई रैंकिंग में ग्वालियर 73वें स्थान पर आया था। उसके बाद झांसी मंडल के डीआरएम एके मिश्रा ने तीन महीने के अंदर स्टेशन का सफाई ठेकेदार को बदलने का दावा किया था। 23 दिसंबर को ग्वालियर स्टेशन पर नई कंपनी को यहां व्यवस्था देखनी थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। समय सीमा निकलने के बाद पुरानी प्राइम क्लीनिंग कंपनी का ही एक महीने का समय बढ़ा दिया। पुरानी कंपनी के कर्मचारी सिर्फ प्लेटफॉर्म एक सफाई ही सही तरीके से कर रहे हैं बाकी के अन्य प्लेटफॉर्म के अलावा सर्कुलेटिंग एरिया व अन्य क्षेत्र में गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। जिस पर रेलवे अफसरों का ध्यान नहीं जा रहा है। अगर यही स्थिति रही तो इस बार भी रैंकिंग में हम काफी पीछे रह जाएंगे। 20 सितंबर 2018 के आसपास रेलवे स्टेशनों की रैंकिंग में 75 में से 73वां स्थान हमको मिला था।

35 से बढकऱ 112 कर्मचारी होंगे
सफाई व्यवस्था में पिछडऩे के बाद रेलवे ने नये सिरे से सफाई का ठेका देने की कार्य योजना तैयार की गई थी। जिसके तहत एक माह का ठेका 4 लाख 68 हजार 753 रुपए की जगह लगभग 22 लाख रुपए तक करने की प्लानिंग की गई है। इसमें कर्मचारियों को बढ़ाकर 112 करना शामिल है वर्तमान में 35 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।

ठेके के कर्मचारी कर रहे हैं आंदोलन
पुरानी कंपनी के कर्मचारी पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर आंदोलन करते रहते हैं। रेलवे स्टेशन के अलावा प्लेटफॉर्म व यार्ड में भी प्राइम क्लीनिंग कंपनी के कर्मचारी काम करते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी यार्ड में आ रही है जिसकी जानकारी झांसी में बैठे अधिकारियों तक को है।

टेंडर हो चुका है
सफाई ठेके के लिए नई कंपनी का टेंडर हो चुका है लेकिन अभी प्रक्रिया की औपचारिता चल रही है। संभवत: फरवरी में नई कंपनी को ठेका दे दिया जाएगा।

मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल