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ग्वालियर बनेगा रैबीज फ्री सिटी, निगम ने राज्य व केंद्र को भेजा एक्शन प्लान, शासन ने दिए ये निर्देश

nagar nigam gwalior

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Gwalior to become rabies-free city

ग्वालियर को 2030 तक रैबीज फ्री सिटी बनाने का एक्शन प्लान नगर निगम ने राज्य व केंद्र सरकार को भेज दिया है।

ग्वालियर को 2030 तक रैबीज फ्री सिटी बनाने का एक्शन प्लान नगर निगम ने राज्य व केंद्र सरकार को भेज दिया है। लेकिन यह प्लान सिर्फ अंदाज के आधार पर बनाया गया है। इसके मुताबिक शहर में करीब 50 हजार से ज्यादा स्ट्रीट डॉग हैं। इनमें से हर दिन 150 से 200 स्ट्रीट डॉग शहरवासियों को काट रहे हैं। यह प्लान राज्य सरकार के बाद अब केंद्र सरकार के पास भी पहुंचा दिया गया है। इसके अनुसार 2030 तक ग्वालियर पूरी तरह रैबीज फ्री हो सकता है। इसके लिए 8 करोड़ रुपए से ज्यादा फंड की जरूरत बताई गई है। इससे एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटरों की संख्या दो से बढ़ाकर चार के अलावा इंफ्रास्ट्रक्बर को बढ़ाने सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। हालांकि भेजे गए प्रस्ताव में शेल्टर होम बनाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 2030 तक देश भर के 100 शहरों को रैबीज फ्री सिटी बनाने लक्ष्य रखा है। ग्वालियर सहित प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रतलाम व उज्जैन को इसके लिए चुना गया है। आबादी के मुकाबले सबसे ज्यादा डॉग रतलाम में लोगों को काटते हैं।

सिर्फ अनुमान के आधार पर बनाया है प्लान

नगर निगम के अफसरों के अनुसार अभी तक कभी भी स्ट्रीट डॉग की गिनती नहीं हुई है। ऐसे में जेएएच, सिविल अस्पताल हजीरा व मुरार अस्पताल समेत तीन अलग-अलग स्टडीज के आधार और सिर्फ अनुमान के आधार पर ही निगम ने यह प्लान बनाया। ग्वालियर की जनसंख्या 18 लाख से ज्यादा है। ऐसे में निगम द्वारा श्वान की संख्या करीब 50 हजार अनुमानित मानी गई है।
बच्चों को अधिक शिकार बना रहे हैं डॉग
सर्दी आते ही अब शहर में (डॉग) कुत्तों की संख्या बढ़ गई है, अभी जेएएच, जिला अस्पताल मुरार व हजीरा सिविल अस्पताल में करीब 150 से 200 लोग रैबिज का इजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। बीते एक महीने में देखा जाए तो लगभग 6500 लोग अस्पतालों में कुत्ते के काटने के बाद इंजेक्शन लगवाने पहुंचे।

ये करना होंगे कार्य

-एबीसी सेंटर को दो से बढ़ाकर चार करने होंगे।
-साल भर में 50 हजार डॉग वैक्सीनेट करने होंगे

-शेल्टर होम अधिक से अधिक संख्या में बनाए जाए।
-शेल्टर होम व एबीसी सेंटर पर स्टाफ और सीसीटीवी अनिवार्य हो।

-सबंदी के बाद डॉग को दोबारा सडक़ पर नहीं छोड़ा जाएगा
-संवेदनशील इलाकों में 60 दिन के अंदर वैक्सीनेशन जरूरी हो।

अभी तक 250-300 लोगों ने ही कराया पंजीयन

नगर निगम द्वारा शहरभर के पालतु डॉग को लेकर बीते दो महीने से चिडिय़ाघर में पंजीयन किया जा रहा है। इसमें अभी तक सिर्फ 250-300 लोगों ने ही पंजीयन कराया है। ऐसे में इसको लेकर निगम अब सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।