अटल अस्थि कलश यात्रा: हर आंख नम, बादल भी रो पड़े... फूल चढ़ाने बारिश में सड़कों पर घंटों खड़ा रहा शहर
ग्वालियर से उनका पितृवत स्नेह अविस्मरणीय: तोमर
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि अटल जी के भाषण सुनकर अनेक लोग उनके साथ काम करने के लिए सहर्ष तैयार हो जाते थे, मैं भी उनके विचार के साथ काम करने के लिए राजनीतिक जीवन में आया। उनका पूरा जीवन देश के लिए समर्पित रहा। ग्वालियर से उनका पितृवत स्नेह अविस्मरणीय है। वे शरीर से भले ही हमारे बीच नहीं हों, लेकिन उनका व्यक्तित्व और कृतित्व हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा।
उनसे ग्वालियर को पहचान मिली: पवैया
उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि अटल एक व्यक्ति न होकर हस्ती थे, उनकी हस्ती को कभी मिटाया नहीं जा सकता। हमें गर्व है कि वे ग्वालियर के सपूत थे, उनके कारण ग्वालियर को पूरे विश्व में पहचान मिली।
उनकी उदारता के सभी कायल थे: झा
राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने कहा कि मैं खुश नसीब हंू कि अटल जी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला, वे महान व्यक्तित्व के धनी थे, उनकी उदारता के सभी कायल थे। उन्होंने देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
जीवनभर देश सेवा में लगे रहे: शेजवलकर
महापौर विवेक शेजवलकर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई पूरे जीवन देश सेवा में लगे रहे, उनके द्वारा किए कार्यों ने आम जन के दिल में स्थान बनाया है।
व्यक्ति नहीं, विचार हैं अटल जी: सिंह
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि अटल जी ने राजनीति की सीमा से हटकर लोगों के दिलों में जगह बनाई थी। वह एक व्यक्ति नहीं, एक विचार के रूप में स्थापित हुए।
हर पल लगता है वे हमारे बीच हैं: सीएम
ठ्ठ फूलबाग मैदान पर श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भरोसा नहीं होता कि वे हमारे बीच नहीं हैं। हर पल लगता है कि मुस्कुराते हुए उनका शांत सौम्य चेहरा सामने आएगा और वे कहेंगे आओ पास आओ। 1991 में वे दो जगह से चुनाव लड़े थे, लखनऊ से 12 हजार वोट ज्यादा मिले तो उन्होंने विदिशा छोड़ा और मुझे विरासत दी।
परिवार में कोई बुजुर्ग नहीं बचा: अनूप
अटल जी के भांजे एवं मुरैना सांसद अनूप मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि उनके बिना भी कभी रहना पड़ेगा। वे पूरे विश्व में दैदीप्यमान नक्षत्र की तरह चमक रहे हैं। वे मेरे मामा थे, और मामा में दो बार मां आता है, मुझे दो मां का प्यार मिला है। वे मेरे गुरु भी थे, मैं तो व्यापारी था, कभी सोचा नहीं था कि विधायक, सांसद बनूंगा, राजनीति का क ख ग उन्होंने ही सिखाया। मेरी मां गई, मामा भी गए, अब परिवार में कोई बुजुर्ग नहीं है।
प्रशासन की अनदेखी, ऑटो से पहुंचीं भतीजी
अटलजी की भतीजी कांति मिश्रा की प्रशासन ने उनके घर से श्रद्धांजलि सभा स्थल तक आने के लिए परिवहन तक की व्यवस्था नहीं की। इस अनदेखी के चलते कांति मिश्रा को अपने पति के साथ ऑटो से शिंदे की छावनी से फूलबाग स्थित श्रद्धांजलि सभा तक आना पड़ा। जबकि उस श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, अनूप मिश्रा समेत कई मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। प्रशासन ने उनको बैठने तक की व्यवस्था नहीं की थी,वे श्रद्धांजलि सभा में दूसरे नम्बर वाली लाइन में बैठीं। कांति मिश्रा से जब इस मामले में पूछा गया तो उनका कहना था कि जो लोग चार पहिए वाले थे, तो वह चार पहिए से पहुंच गए। हम तो ऑटो वाले थे इसलिए ऑटो से कार्यक्रम में पहुंचे।
कांग्रेस कार्यालय से हुई पुष्प वर्षा
अस्थि कलश यात्रा जब शिंदे की छावनी से होते हुए कांग्रेस कार्यालय मार्ग से निकल रही थी, तब कांग्रेस कार्यालय से कांग्रेस नेताओं ने अस्थि कलश पर पुष्पवर्षा की। इस दौरान वरिष्ठ नेता महाराज सिंह पटेल, राकेश अग्रवाल, राजकुमार शर्मा, संजय दीक्षित, धर्मेन्द्र शर्मा, प्रभुदयाल जौहरे आदि उपस्थित थे।
यह रहे मौजूद
फूलबाग मैदान पर हुई श्रद्धांजलि सभा में अटलजी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य, दामाद रंजन भट्टाचार्य, पौत्री निहारिका, भतीजी कांती मिश्रा, भानजे अनूप मिश्रा, भतीजे दीपक वाजपेयी सहित अन्य परिजन तथा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मायासिंह, नारायणसिंह कुशवाह, जयभान सिंह पवैया, रुस्तम सिंह के अलावा बालेंदु शुक्ल, भाजपा के शरद गौतम, खुशबू गुप्ता, अवधेश तोमर, उमेश राजावत, नूतन श्रीवास्तव, अभिनंदन त्यागी तथा अलग-अलग समाजों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत धर्मगुरुओं द्वारा किए गए मंत्रोच्चार के साथ हुई।