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पहले और बाद के तीन महीने जोखिम भरे, 8 घंटे की नींद और दोपहर में 2 घंटे आराम करें

सुरक्षित मातृ सुख पाने चिकित्सकों ने बताए ये उपाय

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पहले और बाद के तीन महीने जोखिम भरे, 8 घंटे की नींद और दोपहर में 2 घंटे आराम करें

पहले और बाद के तीन महीने जोखिम भरे, 8 घंटे की नींद और दोपहर में 2 घंटे आराम करें

ग्वालियर.

किसी भी महिला के लिए मां बनना जीवन के सबसे अच्छे अनुभवों में से एक होता है। जैसे-जैसे गर्भ में बच्चा बड़ा होता है, वैसे-वैसे मां के साथ पूरा परिवार उसके आने के बाद के सपने संजोने लग जाते हैं, लेकिन गर्भवास्था के दौरान महिलाओं को कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। वरना स्थितियां प्रतिकूल भी हो सकती है। सबसे पहले तो आपको एक अच्छी डॉक्टर का चुनाव करना होगा, जिस पर आपको विश्वास हो। नेशनल सेफ मदरहुड डे के अवसर पर हम आपको बता रहे हैं कि आप कैसे सुरक्षित मां बनने का सुख प्राप्त कर सकती हैं।

साबुत फलों का सेवन करें, ऑयली खाने से बचें
महिलाओं को नौ महीने बहुत केयर करने की जरूरत होती है। ऐसे समय में अपनी लाइफस्टाइल को चेंज करें। चाय या कॉफी का उपयोग कम से कम करना है। 8 घंटे की नींद लें और दोपहर में 2 घंटे आराम करें। पानी की मात्रा भरपूर लें। डॉक्टर की सलाह पर एक्सरसाइज करें। साबुत फलों का सेवन करें। तली या भारी भोजन करने से बचें।
डॉ. ज्योति बिंदल, गाइनिकोलॉजिस्ट

खानपान पर ध्यान दें, भारी वजन न उठाएं
शुरू के तीन महीने और आखिरी तीन महीने जोखिम भरे होते हैं। शुरुआत में मिसकरेज की संभावना ज्यादा होती है। इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टर की एडवाइज पर ब्लड टेस्ट करा लें। यदि कोई कमी है तो उसका इलाज पूरा लें। अंतिम के तीन महीने अपने खानपान और भारी वजन न उठाना आदि पर ध्यान दें।
डॉ. अंजली रायजादा, गाइनिकोलॉजिस्ट

डाइट शेड्यूल बनाएं और उसे फॉलो करें
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में सबसे ज्यादा खून की कमी होती है। ऐसे में ंजरूरी है कि प्रॉपर आयरन सप्लीमेंट लिए जाएं। महिलाएं घर पर गुण व चने का सेवन करें। डाइट शेड्यूल बनाएं, जिसे फॉलो करें। ऐसा करने से जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ होंगे। खानपान सही होने से कुपोषित बच्चों के आकड़े भी कम होंगे।
डॉ विमलेश पिप्पल, गाइनिकोलॉजिस्ट

पानी बढऩा कॉमन समस्या, चेकअप कराते रहें
महिलाओं में अधिकतर पानी का बढ़ जाना समस्या कॉमन है। इसके प्रमुख दो कारण हैं। पहला मां को शुगर होना या फिर बेबी को कुछ शारीरिक तकलीफ होना। इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर चेकअप कराते रहें। यदि कोई प्रॉब्लम आती है तो उसका प्रॉपर ट्रीटमेंट लें।
डॉ शिल्पी ओझा, गाइनिकोलॉजिस्ट

मातृत्व मृत्यु दर कम करने दिवस मनाने की घोषणा
गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए भारत में हर वर्ष 11 अप्रैल को नेशनल सेफ मदरहुड डे मनाया जाता है। यह व्हाइट रिबन की पहल के बाद मनाया जाने लगा। इसे मनाने का उद्देश्य देश में प्रसूति के दौरान या बाद में होने वाली मातृत्व मृत्यु दर को कम करना तथा लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। इसी बात का ध्यान रखते हुए भारत सरकार ने 2003 को 11 अप्रैल को यह दिवस मनाने की घोषणा की थी।


ये न करें
देर तक खड़े न रहें। ज्यादा मिर्च मसाले वाला खाना न खाएं। भारी सामान न उठाएं। तेज-तेज न चलें। जोर से न चिल्लाएं।

ये करें
डाइट के हिसाब से भोजन करें। फल, हरी सब्जी व वाटर इंटेक अधिक से अधिक लें। सुबह और शाम धीरे-धीरे वॉक करें। धार्मिक किताबें पढ़ें।


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