
मंदिर बनवाना व जीर्णोद्धार कराना सबसे बड़ा पुण्य कार्य
ग्वालियर. जब मंदिर की नींव कमजोर होने लगती है तब उसका जीर्णोद्धार करना जरूरी हो जाता है। जब साधु-संतों का समागम मिलता है, समाज में एकता का प्रादुर्भाव होने लगता है। मंदिर निर्माण करने से बड़ा और कोई पुण्य कार्य नहीं हो सकता। इससे हमारी भारतीय संस्कृति सुरक्षित रहती है। मंदिर किसी धर्म संप्रदाय की पहचान हुआ करती हंै। यह विचार मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर ने सोमवार को पनिहार बरई स्थित जैन तीर्थ अतिशय शांतिगिरी आमीगांव में होने वाले महामस्तकाभिषेक व विजय विधान करने के लिए मंगल प्रवेश के दौरान धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। सोमवार को इससे पूर्व जैन मुनि विहसंत सागर और विश्वसाम्य सागर ससंघ का पनिहार जैन मंदिर से पाद विहार कर जैन तीर्थ शांतिगिरी आमीगांव पहुंचे। उन्होंने शांतिगिरी पर 1500 वर्ष प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन किए। महामस्तकाभिषेक एवं 16 मंडलीय विजय विधान 25 अप्रेल मंगलवार को संपन्न होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर होंगे, जबकि अध्यक्षता महापौर डॉ.शोभा सिकरवार करेंगी। कार्यक्रम में भिंड, मेहगांव, घाटीगांव, डबरा, मुरैना, अम्बाह, ग्वालियर आदि जगहों से जैन समाज के लोग बसों से कार्यक्रम में पहुचेंगे।
यहां से उपलब्ध रहेंगी नि:शुल्क बसें
महामस्तकाभिषेक व विजय विधान के लिए 25 अप्रैल मंगलवार को सुबह 6 बजे ग्वालियर के नियत स्थानों से नि:शुल्क बस व्यवस्था रहेगी। बस दीनदयाल नगर, दीनानाथ की बगीची मुरार, सीपी कॉलोनी मुरार, थाटीपुर, चेतकपुरी, किलागेट लोहामण्डी, गोपाचल पर्वत (फूलबाग के सामने), इंदरगंज जैन मन्दिर, आनन्द नगर, बहोड़ापुर, विनय नगर, शिन्दे की छावनी, महावीर धर्मशाला नई सडक़, नया बाजार, माधौगंज, महाराज बाड़ा, गुढी-गुढ़ा का नाका, मामा का बाजार, सिकन्दर कम्पू से रवाना होगी।
Published on:
24 Apr 2023 11:08 pm
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