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अभी गांव-गांव बस के लिए करना होगा इंतजार, पहले चरण में इंदौर-उज्जैन, फिर जबलपुर; उसके बाद आएगा ग्वालियर का नंबर

प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में गांव-गांव बस सेवा शुरू होने में अभी कुछ समय और लगेगा। सरकार द्वारा घोषित इस महत्वाकांक्षी योजना को पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सीमित जिलों में लागू किया जा रहा है। इंदौर और उज्जैन संभाग से इसकी शुरुआत की जाएगी, इसके बाद दूसरे चरण में जबलपुर एवं आसपास के जिलों को शामिल किया जाएगा..

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अभी गांव-गांव बस के लिए करना होगा इंतजार, पहले चरण में इंदौर-उज्जैन, फिर जबलपुर; उसके बाद आएगा ग्वालियर का नंबर

अभी गांव-गांव बस के लिए करना होगा इंतजार, पहले चरण में इंदौर-उज्जैन, फिर जबलपुर; उसके बाद आएगा ग्वालियर का नंबर

ग्वालियर. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में गांव-गांव बस सेवा शुरू होने में अभी कुछ समय और लगेगा। सरकार द्वारा घोषित इस महत्वाकांक्षी योजना को पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सीमित जिलों में लागू किया जा रहा है। इंदौर और उज्जैन संभाग से इसकी शुरुआत की जाएगी, इसके बाद दूसरे चरण में जबलपुर एवं आसपास के जिलों को शामिल किया जाएगा। ग्वालियर क्षेत्र में बस सेवा शुरू होने से पहले इन चरणों के परिणाम और तकनीकी व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया जाएगा।
आरटीओ के अनुसार, योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण आबादी को सस्ती, सुरक्षित और नियमित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना है। वर्तमान में कई गांव ऐसे हैं जहां बस सेवा न होने के कारण लोगों को निजी वाहनों या महंगे ऑटो पर निर्भर रहना पड़ता है। विशेष रूप से विद्यार्थी, किसान, श्रमिक और बुजुर्ग वर्ग इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

सडक़ों की स्थिति से तय किए जाएंगे रूट
आरटीओ ने बताया, पहले चरण को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है, ताकि मार्ग निर्धारण, यात्रियों की संख्या, संचालन लागत, किराया संरचना और मेंटेनेंस जैसे पहलुओं का अध्ययन किया जा सके। बसों के रूट ग्रामीण सडक़ों की स्थिति और आवागमन के अनुसार तय किए जाएंगे। यदि प्रयोग सफल रहता है, तो योजना को चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि आमजन को फिलहाल इंतजार करना होगा। सरकार ने साफ संकेत दिया है कि जल्दबाजी में पूरे प्रदेश में एक साथ बसें नहीं चलाई जाएंगी। पहले चरण के परिणामों के आधार पर ही आगे विस्तार का रोडमैप तय होगा।

कई गांव में बस सुविधा नहीं
बस ऑपरेटर्स का मानना है जिले के कई गांव ऐसे है जहां बस सेवा नहीं है, यदि है तो पूरे दिन एक ही बस आती और जाती है। ग्वालियर से सटे गांव कुलैथ, बेहट, बड़ा गांव, शनिचरा आदि गांव में तो बस सुविधा ही नहीं है। ऐसे में लोगों को अपने वाहन या फिर ऑटो और चार पहिया वाहन से आना-जाना पड़ता है।

अभी प्रमुख रूट पर चल रही यात्री बसें
ग्वालियर से फिलहाल सभी प्रमुख रूट पर नियमित यात्री प्राइवेट बस सेवाएं संचालित हो रही हैं। शहर से मुरैना, ङ्क्षभड, दतिया, शिवपुरी, झांसी, आगरा, जयपुर, भोपाल, इंदौर के आसपास के कस्बाई और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बसों का संचालन जारी है। ट्रैफिक दबाव और मांग के अनुसार रूटों पर बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई-घटाई जा रही है। इसके अलावा अन्य उत्तर प्रदेश की कुछ बसें भी ग्वालियर से निकल रही है।
बसों के लिए अभी सर्वे शुरू नहीं
& प्रदेश सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तहत गांव-गांव को बसों से जोडऩे की तैयारी कर रहा है, लेकिन ग्वालियर में यह बस सेवा इंदौर, उज्जैन ओर जबलपुर के बाद ही शुरू हो सकेगी। अभी किस-किस रूट पर जिले में बसें चलेंगी, इसका सर्वे भी नहीं हुआ है। फिलहाल जिन-जिन गांव में सडक़ है वहां तक अभी बसें जा रही हैं।
विक्रमजीत ङ्क्षसह कंग, आरटीओ ग्वालियर