
सावधान, फेफड़ों के अलावा अन्य प्रकार की टीबी के मरीज भी बढ़ रहे अंचल में
ग्वालियर। क्षय रोग में एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) और फेफड़ों की टीबी के अलावा अन्य प्रकार की टीबी के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। यह खुलासा एमडीआर टीबी सेंटर में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों के आंकड़ों से हुआ है। डॉक्टर का कहना है कि समय-समय पर चलने वाले अभियान से जागरूक होकर लोग अस्पताल पहुंचे हंै, जिससे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
वर्ष 2017 में 4628 मरीज रजिस्टर्ड हुए, इनमें से 166 मरीज एमडीआर टीबी के निकले। इसके साथ ही फेफड़ों की टीबी के अलावा विभिन्न तरह की टीबी के 849 मरीज मिले हैं, जिनमें दिमागी, पेट की टीबी, बच्चेदानी की टीबी, गठान की टीबी सहित अन्य शामिल हैं।
तीन से पांच माह में इस तरह की बीमारी से पीडि़त मरीजों की पहचान हुई है। सरकार की तरफ से टीबी (टयूबरक्यूलोसिस) को नियंत्रण करने के लिए निश्चय पोर्टल बनाया, जिस पर मरीज की निगरानी शासन से लेकर प्रशासन तक ऑनलाइन कर सकता है।
10 फीसदी बढ़ी एमडीआर टीबी
एमडीआर टीबी के मरीजों की संख्या में 10 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टर इसके पीछे का कारण जांच की सुविधा बढऩा मान रहे हैं। उनका कहना है कि पहले जांच की सुविधा नहीं थी, इसलिए बीमारी की पहचान करना मुश्किल था, लेकिन अब मेडिकल कॉलेज में ही जांच की सुविधा उपलब्ध है।
अंचल में भी मिल रहे मरीज
भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी व ग्वालियर में बीते वर्ष तक एमडीआर टीबी के 248 मरीजों का पंजीयन किया जा चुका है। इनमें से केवल 167 मरीजों का इलाज चला। इनमें ग्वालियर के मरीजों की संख्या 87 थी। वहीं करीब 81 मरीज बिना इलाज के घूमते रहे।
फैक्ट फाइल
4628-कुल मरीज पंजीयन
849-फेफड़े की टीबी के अलावा टीबी केस
166-एमडीआर टीबी
मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है
फेफड़ों की टीबी के अलावा अन्य टीबी के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। एमडीआर के मरीज भी बढ़े हैं। जांच सुविधा में बढ़ोतरी होने के कारण बीमारी सामने आ रही है। इसके साथ ही लोग भी जागरुकता दिखा रहे हैं।
डॉ. मनीष शर्मा, क्षय रोग विशेषज्ञ, एमडीआर टीबी सेंटर
Published on:
18 Aug 2018 06:50 pm
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