बानमोर से कोटरा तक 78 किलोमीटर क्षेत्र देखती है आरपीएफचेन पुलिंग नहीं हो रही कम, दो महीने में 325 लोगों ने रोकी ट्रेन
ग्वालियर। ट्रेनों में चेन पुलिंग की घटना कम होने का नाम नहीं ले रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों में खासतौर से चेन पुलिंग की घटनाएं बढ़ी है। मई- जून में जहां ट्रेनों में भीड़ बढ़ जाती है। वहीं इन दिनों चेन पुलिंग की घटनाएं काफी तेजी से बढ़ी है। इसमें सबसे ज्यादा मई में 170 और जून में 155 लोगों ने चेन पुलिंग की है। यह चेन पुलिंग अधिकांश रात के समय होती है। जब यात्री रात में यात्रा के दौरान सो जाता है। बानमोर से कोटरा तक आरपीएफ लगातार गश्त पर रहती है। उसके बावजूद भी ट्रेनों में चेन पुलिंग हो रही है। चेन पुलिंग का कारण ट्रेनों का स्टॉपेज भी कम होना सामने आ रहा है। ग्वालियर के आसपास झेलम, ताज, पंजाब मेल, मंगला, स्वर्णजयंती आदि में ज्यादा होती है। जून महीने में मथुरा जाने वाले यात्रियों की संख्या को देखते हुए कई ट्रेनों में चेन पुलिंग की गई।
61 दिन में 325 बार खीची चेन
हर दिन चेन पुलिंग लगभग पांच से छह तक हो रही है। इसको लेकर आरपीएफ ने कई बार यात्रियों को समझाइश भी दी। लेकिन यात्री ट्रेन रोकने के लिए चेन पुलिंग कर ही रहे है। मई- जून में 61 दिनों में 325 बार चेन खीची गई। जिससे ट्रेन की स्पीड पर काफी असर पड़ा है। संजय कुमार आर्या, टीआई आरपीएफ का कहना है कि चेन पुलिंग को रोकने के लिए समय- समय पर अभियान चलाया जाता है। लेकिन उसके बावजूद भी यात्री मौका पाकर चेन करके ट्रेनों को रोक लेते है।
किन मामलों में किया जा सकता है चेन पुलिंग
अगर 60 वर्ष से अधिक उम्र का व्यक्ति या कोई छोटा बच्चा छूट गया है और ट्रेन चल पड़ी है तो आप चेन पुलिंग कर सकते हैं. ट्रेन में आग लगने की स्थिति में आप चेन पुलिंग कर सकते हैं। किसी व्यक्ति की बोगी में तबीयत खराब जैसे स्ट्रोक या फिर हार्ट अटैक की स्थिति में आप ऐसा कर सकते हैं। रेलवे नियमों के अनुसार, अगर कोई बेवजह ट्रेन की चेन खींचता है तो उसे अपराध माना जाएगा. रेलवे ट्रेन रोकने वाले व्यक्ति पर रेल अधिनियम 1989 की धारा 141 के तहत कार्रवाई करता है. इस धारा के तहत कारित अपराध का दोषी पाए जाने पर 1000 रुपये जुर्माना (punishment for chain pulling in train) या 1 साल तक की जेल हो सकती है