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स्कूल पहुंचने के लिए इन खतरनाक रास्तों से गुजरते हैं बच्चे

स्कूल पहुंचने के लिए इन खतरनाक रास्तों से गुजरते हैं बच्चे

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स्कूल पहुंचने के लिए इन खतरनाक रास्तों से गुजरते हैं बच्चे

स्कूल पहुंचने के लिए इन खतरनाक रास्तों से गुजरते हैं बच्चे

ग्वालियर. नगर निगम प्रशासन द्वारा भले ही शहर के मुख्य मार्गों के अलावा वार्डों की सडक़ों के सुधार के लिए कार्य योजना तैयार की जा चुकी है, लेकिन जिस तरह से सडक़ें बदहाली का शिकार बनी हुई हैं। उससे नगर निगम की सभी योजनाएं फ्लॉप होते हुए दिख रही हैं। बदहाल सडक़ों पर वाहन चलाना तो दूर पैदल राहगीरों को निकलने मेें भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रं 65 स्थित धौकलपुरा की सडक़ें पूरी तरह से दल-दल में तब्दील हो चुकी हंै, ऐसे में यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं हैं, क्योंकि सडक़ बनवाए जाने से पूर्व यहां पर मुरम डालकर छोड़ दिया गया। जो कि वर्तमान में कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में सडक़ फिसलन भरी होने के कारण पैदल राहगीर भी चोटिल हो रहे हैं। इस संबंध में कई बार शिकायत करने पर भी सुनवाई नहीं हो रही है।


धौकलपुरा क्षेत्र में मुख्य मार्ग बदहाली का शिकार बने हुए हैं, जहां पर सडक़ों से डामर पूरी तरह से गायब हो चुका है। इधर पानी निकास की व्यवस्था नहीं होने के कारण हल्की सी बारिश में ही सडक़ों पर बने गड्ढों में पानी भर जाता है। साथ ही कॉलोनी से स्कूल तक जाने वाली मुख्य सडक़ तो पूरी तरह से बदहाली का शिकार हो चुकी है। इसके अलावा स्कूल तक पहुंचने के लिए अन्य कोई रास्ता नहीं बचता जिसको लेकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूल तक छोडऩे और लाने के लिए परेशान होना पड़ता है। वहीं बारिश अधिक होने के कारण बच्चों को स्कूल पहुंचने से वंचित भी होना पड़ता है। इसके अलावा क्षतिग्रस्त सडक़ की समस्या के कारण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ता है। दल-दल बनी सडक़ के कारण शहरी क्षेत्र के हालात गांवों से भी बदतर होते जा रहे हैं। क्योंकि सडक़ खराब होने के कारण लोगों का शहर से कटाव होता जा रहा है। अहम बात तो यह है कि स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इन समस्याओं को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, जिनके द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच किए जाने की बात भी कही गई थी। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। वहीं जनप्रतिनिधियों द्वारा भी हर बार आश्वासन ही दिया जा रहा है, लेकिन क्षतिग्रस्त सडक़ को दुरुस्त कराए जाने के संबंध में कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। ऐेसे में क्षेत्र के लोगों को रोजाना ही क्षतिग्रस्त सडक़ के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।