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Covid 19 Fighter : डेढ़ माह से पत्नी, बेटी और माता-पिता से नहीं मिले ड्रग इंस्पेक्टर, 16 घंटे दे रहे है ड्यूटी

प्रदेश को कोरोना के वायरस से बचाने के लिए दिनरात जुटे हंै कर्मचारी

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Covid 19 Fighter : drug inspector motivational story

Covid 19 Fighter : डेढ़ माह से पत्नी, बेटी और माता-पिता से नहीं मिले ड्रग इंस्पेक्टर, 16 घंटे दे रहे है ड्यूटी

ग्वालियर। कोरोना का कहर पूरे देश में जारी है,लेकिन प्रशासन व सफाई कर्मचारी और स्वास्थय विभाग की टीम की मुस्तैदी के चलते चंबल के कई जिले अभी भी कोरोना के दंश से दूर है। मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी में कोरोना पॉजीटिव मिल चुके हैं। वहीं मां पीताम्बरा के आशीर्वाद से दतिया जिले में और डॉक्टर हनुमान के चलते भिण्ड जिले में अभी तक कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं निकला है। इस दौरान प्रदेश की पुलिस व प्रशासन व स्वास्थ्या विभाग की कार्यशैली काबिले तारीफ है, क्योंकि कोरोना के चलते सभी कर्मचारी हर रोज 12 से 16 घंटे तक की ड्यूटी दे रहे हैं। जिसके चलते वे अपने परिवार व बच्चों से भी दूर है। क्योंकि ड्यूटी के दौरान वे दिनभर बाहर रहते हैं और कई सारे सेंसिटिव जगहों पर जाते हैं। कई बार तो होम आईसोलेट किए गए लोगों से भी मिलना होता है। जिसके चलते वह अपनों घरों में अलग कमरों में रहते हैं, वहीं खाते पीते हैं और वहीं से तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल जाते हैं। पढि़ए उन कर्मचारियों की कहानी जो कोरोना की वजह से अपने परिवार से दूर हैं।

डेढ़ माह से पत्नी, बेटी व वृद्ध माता-पिता से नहीं मिले ड्रग इंस्पेक्टर
ड्रग इंस्पेक्टर देशराज सिंह ग्वालियर के रहने वाले हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते डेढ़ महीने वे अपने घर नहीं गए तथा पत्नी, दो बेटियों सहित वृद्ध माता-पिता से नहीं मिल सके हैं। उनकी परिजन से उनकी सिर्फ फोन पर ही चर्चा होती है। ड्रग इंस्पेक्टर की विशेष ड्यूटी यह है कि जिले में कहीं भी दवा की कमी न हो तथा मरीजों को आवश्यक दवाएं समय पर मिल सके। इसके लिए वे निरंतर 24 घंटे सेवाएं देकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर वर्तमान में किराए के मकान रहकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।

2.5 लाख रुपए का राशन बांटा
टीम नेकी की दीवार का नेतृत्व कर रहे व्यवसाई मनोज जैन ने 5 वाहनों की मदद से जरूरतमंदों को न केवल राशन पहुंचाया। बल्कि उनकी टीम अब तक 2.5 लाख रुपए की नि:शुल्क खाद्य सामग्री ऐसे परिवारों को बांट चुके हैं, जिनके घरों में लॉकडाउन के चलते राशन खत्म हो गया। जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए जैन के साथ 50 लोगों की टीम लगी हुई है। जिनमें 15 लोग राशन पैक करने का काम कर रहे हैं तथा 20 से 25 लोग आमजन को थोक रेट में राशन उपलब्ध में जुटे हैं।