- महालक्ष्मी के स्वागत के लिए तैयारियां, घरों में बनने लगे पकवान, बाजारों में खरीदारों की भीड़
ग्वालियर। इस बार पांच दिवसीय दीपोत्सव की धूम छह दिनों तक रहने वाली है। क्योंकि दीपावली व गोवर्धन पूजा के बीच सोमवती अमावस्या पड़ रही है। इससे पर्व का महत्व और अधिक बढ़ गया है। पिछले साल सूर्य ग्रहण के कारण दीपावली उत्सव 5 की जगह 6 दिन चला था। घरों में दीपावली पर माता लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियां की जा रही है। बाजारों में खरीदारों की भीड़ है।
नरक चतुर्दशी मनेगी 11 को
छोटी दीपावली व नरक चतुर्दशी 11 नवंबर शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन घर के आंगन में 11 या 21 कच्चे दीपक जलाने की परंपरा है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस वजह से इसे नरक चतुर्दशी कहते हैं। इसी दिन शास्त्रों में राम भक्त हनुमान का जन्मोत्सव मनाने की भी परंपरा है।
गोवर्धन पूजा 14 को, मनेगा अन्नकूट महोत्सव
प्रतिपदा तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2:37 बजे तक रहेगी। उदयकालीन प्रतिपदा तिथि होने से मंगलवार को अन्नकूट महोत्सव मनेगा। इस दिन घर के आंगन में गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा-अर्चना की जाएगी। घर से लेकर मंदिरों तक गोवर्धन पूजा का दौर चलेगा। शाम के समय अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
धनतेरस पर खरीदारी से शुरू होगा उत्सव
धनतेरस धन, सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व है। यह पर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर दोपहर 12:39 बजे से 11 नवंबर को दोपहर 1:59 बजे तक रहेगी। ऐसे में धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग सभी प्रकार की खरीदारी के साथ चांदी के सिक्के, आभूषण आदि खरीदेंगे। नई वस्तुएं घर लाएंगे।
भाई दूज पर 15 को बहनें करेंगी भाईयों को तिलक
भाई-बहन के प्यार का त्योहार भाई दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा। दूज तिथि दोपहर 1:50 बजे तक रहेगी। उदय कालीन द्वितीया तिथि 15 नवंबर को होने से इसी दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर मुंह मीठा कराएंगी। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है।
दोपहर 2:44 बजे से शुरू होगी अमावस्या
इस बार चतुर्दशी युक्त अमावस्या प्रदोष कालीन होने से दीपावली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 2:44 बजे से शुरू होगी जो 13 नवंबर को दोपहर 2:56 तक रहेगी।
सोमवती अमावस्या पर 13 को होंगे दान-पुण्य
अमावस्या तिथि 13 नवंबर सोमवार को दोपहर 2:56 बजे तक होने से इस दिन उदयकालीन सोमवती अमावस्या रहेगी। सोमवती अमावस्या पर दान-पुण्य का दौर चलेगा। महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ पीपल के पेड़ का पूजन कर सोमवती अमावस्या की कहानी सुनेंगी।