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आप जो श्रेष्ठतम कर सकते हैं वो करें, फिर आपको सक्सेस स्टोरी बनने से कोई नहीं रोक सकता

व्यवसायिकता छह अनिवार्यताओं के साथ एक गुलदस्ते की तरह, जो एक व्यक्ति को सफल पेशेवर में परिवर्तित करती है

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आप जो श्रेष्ठतम कर सकते हैं वो करें, फिर आपको सक्सेस स्टोरी बनने से कोई नहीं रोक सकता

आप जो श्रेष्ठतम कर सकते हैं वो करें, फिर आपको सक्सेस स्टोरी बनने से कोई नहीं रोक सकता

ग्वालियर.

एक सफल पेशेवर कैसे बनें। अगर हम सफल पेशेवर बनने की बात करते हैं तो पहला सवाल उठता है कि पेशेवरता क्या है? इस बारे में कई मत हैं। जैसे व्यवसायिकता छह अनिवार्यताओं के साथ एक गुलदस्ते की तरह है, जो एक व्यक्ति को सफल पेशेवर में परिवर्तित करती है। ये अनिवार्यताएं हैं उत्साह, उद्देश्य, समर्पण, उत्पादकता, दक्षता और दृष्टिकोण। इन्हें फॉलो करने के साथ आप जहां हैं वहीं से पूर्ण प्रेरणा से कर्म शुरू करें। आपके पास जो कौशल है उसका इष्टतम उपयोग करें। आप जो श्रेष्ठतम कर सकते हैं वो करें और फिर आपको एक सक्सेस स्टोरी बनने से कोई नहीं रोक सकता।

उत्साह- उत्साह और कुछ नहीं बल्कि कुछ करने की इच्छा शक्ति है। रूचि और उत्साह की एक मजबूत भावना जो किसी को बहुत उत्सुक या कुछ करने के लिए दृढ़ बनाती है।

उद्देश्य- मंजिल के बिना रास्ता बेकार है। व्यक्ति को अपने जीवन के कई मिशन समय, आवश्यकता, जीवन के विभिन्न चरणों की स्थिति के अनुसार निर्धारित करने पड़ते हैं। ये अपने जीवन के मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पेशा, व्यक्तिगत या सामाजिक हो सकते हैं।

समर्पण- समर्पण उत्साह और उद्देश्य का परिणाम है, जब कोई व्यक्ति कुछ हासिल करने के लिए इच्छुक हो जाता है, तो समर्पण स्वत: ही दरवाजा खटखटाता है। जब व्यक्ति समर्पण के साथ काम करना शुरू करता है तो सफलता का रास्ता खुल जाता है।

उत्पादकता- समर्पण के बाद उत्पादकता एक चैनल है। एक समर्पित व्यक्ति हमेशा उच्च स्तर का परिणाम देता है। कुछ मामलों में उसे परिणाम देने में समय लग सकता है, लेकिन अंतत: उसकी उत्पादकता दूसरों की तुलना में अधिक हो जाती है।

दक्षता- दक्षता किसी व्यक्ति द्वारा किए गए कुशल कार्य का स्तर है। जब कोई व्यक्ति उत्पादक बन जाता है और समय और ऊर्जा के इष्टतम उपयोग के साथ बहुत ही कुशलता से काम करता है तो वह कुशल बन जाता है। इस स्तर पर व्यक्ति संगठन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

रवैया- मनोवृत्ति सफलता की मुख्य कुंजी है। सकारात्मक नजरिया ताज जैसा महल बना सकता है, लेकिन नकारात्मक नजरिया किले की हर दीवार गिरा देता है। मनोवृत्ति सोच की उपज है, यदि व्यक्ति की सोच सकारात्मक है तो वह सकारात्मक रूप से कार्य करता है अन्यथा नकारात्मक।

दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाने के कई
- सकारात्मक सोच
- अपनी कार्रवाई पर नियंत्रण रखें
- सकारात्मक शब्दावली का प्रयोग करें
- सकारात्मक शारीरिक भाषा
- ऐसी चीजों या घटनाओं को नजरअंदाज करें जो आपको नकारात्मक बना सकती हैं।

स्वप्निल अग्रवाल, कॅरियर एक्सपर्ट