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तीन महीने बीते पर अभी तक नहीं लग पाई सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति

सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति को अभी तक नहीं लगाया जा सका है, जबकि इस मूर्ति को बने तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है। पूर्व में इस मूर्ति को गुढ़ा-गुढ़ी चौराहे पर लगाया जाना तय किया गया...

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तीन महीने बीते पर अभी तक नहीं लग पाई सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति

ग्वालियर. सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति को अभी तक नहीं लगाया जा सका है, जबकि इस मूर्ति को बने तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है। पूर्व में इस मूर्ति को गुढ़ा-गुढ़ी चौराहे पर लगाया जाना तय किया गया था, लेकिन बाद में यहां जगह कम होने के कारण इसे चिरवाई नाका शीतला रोड पर लगाना तय हो गया था। सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति यहां स्थापित होने के बाद तिराहा सुंदर भी लगेगा। इस मूर्ति के नहीं लगाए जाने से गुर्जर समाज में रोष व्याप्त है। मूर्ति लगाए जाने के संबंध में सांसद विवेक शेजवलकर का कहना है कि मूर्ति को सम्राट मिहिर भोज की जयंती 21 अगस्त से पूर्व लगवा दिया जाएगा, वहीं निगमायुक्त संदीप माकिन से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि अभी मैं बाहर हूं, आने के बाद आपसे बात करता हूं।

12 फीट ऊंची है मूर्ति
गन मेटल की बनी सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति 12 फीट ऊंची है, जिसे नई सड़क के मूर्तिकार ने तैयार किया है। गुर्जर प्रतिहार वंश के सम्राट मिहिर भोज के शासनकाल में भारत की सीमाएं अफगानिस्तान के प्रसिद्ध शहर काबुल व कंधार तक फैली हुई थी। मिहिर भोज की राजधानी कन्नौज थी। मिहिर भोज प्रतिहार, गुर्जर प्रतिहार राजवंश के महान राजाओं में से एक थे। इन्होंने 836 ईस्वी से 885 ईस्वी तक 49 साल तक शासन किया।

जयंती से पहले ही लगवाएंगे
ये मूर्ति काफी बड़ी है, इसलिए गुढ़ा-गुढ़ी चौराहे पर नहीं लगाई जा सकती थी, इसके चलते इसे चिरवाई नाके पर लगाने के लिए कहा गया था। इसे अब तक लग जाना चाहिए था क्योंकि मैंने निगमायुक्तसे भी इसके लिए कहा था। हमारा प्रयास रहेगा कि इसे सम्राट मिहिर भोज की जयंती से पहले लगवा दिया जाए। इसके लिए मैंने लिख भी दिया है।
- विवेक शेजवलकर, सांसद

समाज में रोष व्याप्त
हमने महापौर से सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा शहर में लगाने की मांग की थी। उसके बाद नगर निगम की ओर से मूर्ति को तैयार करवा दिया गया। पहले इसे गुढ़ी-गुढ़ा चौराहे पर लगाना तय किया गया था, लेकिन बाद में इसे चिरवाई नाके पर लगाने के लिए कहा था। इस बात को तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है, निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे गुर्जर समाज में रोष व्याप्त है।
- जंडेल सिंह बैसला गुर्जर, प्रदेश अध्यक्ष, युवा गुर्जर विकास संगठन