
एक साल बीतने पर भी परिजन को नहीं मिली राहत राशि, चैंबर के खाते में ब्याज
ग्वालियर. मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 117वे स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम के दौरान पिछले वर्ष संस्था के कर्मचारी की ऑन ड्यूटी मौत हो गई थी। बाद में चैंबर के कार्यकारिणी सदस्यों ने मिलकर इस कर्मचारी के परिवार के लिए करीब दो लाख रुपए की रकम दान के रूप में इक_ी की थी, एक साल बीतने के बाद भी अभी तक ये रकम कर्मचारी के परिजनों को ये रकम नहीं मिल पाई है। खास बात यह है कि कर्मचारी के परिजनों की सहायता के लिए जमा हुई ये रकम चैंबर ऑफ कॉमर्स के खाते में जमा हैं और उससे ब्याज भी मिल रहा है। कर्मचारी के परिजनों ने इसके लिए कई बार चैंबर के चक्कर भी लगाए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
मौत और मातम के बीच गुस्सा
मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर पिछले साल 26 मई को जब चैंबर भवन में कार्यक्रम चल रहा था, उसी दौरान चैंबर के कर्मचारी जगदीश कुशवाह (48 वर्ष) की मौत हो गई थी। करीब 32 वर्ष से चैंबर में कार्यरत इस कर्मचारी की मृत्यु के बाद भी यहां कार्यक्रम भी किए गए थे, जबकि यहां कार्यरत 15 कर्मचारियों ने किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की थी।
पदाधिकारियों से चर्चा के बाद निर्णय लेंगे
निजी रूप से कार्यकारिणी सदस्यों ने फंड इक_ा किया था। ये रकम करीब एक लाख 35 हजार रुपए थी। ये रकम चैंबर के खाते में जमा है। संस्था ने भत्ते, ग्रेच्युटी की रकम दिलाई है। मृत कर्मचारी के परिजनों ने चैंबर पर कोई केस भी किया है। इस विषय पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है, सभी पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद ही निर्णय लेंगे।
संदीप नारायण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष, मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
एफडी से दे सकते हैं राशि
मैंने उसी समय तत्काल सहायता राशि दिए जाने के लिए कहा था, लेकिन बाद में इस रकम को चैंबर के खाते में जमा किया गया जो नहीं होना चाहिए था। ये रकम बिना रसीद के ही मदद के लिए एकत्रित हुई थी। एक साल बाद भी ये रुपया क्यों रोका गया है इसका कारण बताया जाना चाहिए। यदि परिजन लेबर कोर्ट में चले गए तो फिर भत्ते, ग्रेच्युटी आदि का भुगतान क्यों किया गया। इस पूरी रकम को एफडी के माध्यम से भी तो दिया जा सकता है।
विजय गोयल, पूर्व अध्यक्ष, मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
अभी तक नहीं मिली सहायता राशि
परिवार में शादी के लायक दो बहनें हैं। यदि सहायता राशि के रूप में रकम इक_ी की गई थी तो उसे अब तक दे दिया जाना चाहिए था। हमारे परिवार को इसकी बहुत जरूरत है। कई बार चैंबर के चक्कर भी लगा चुके हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
राहुल कुशवाह, मृत कर्मचारी का पुत्र
Published on:
26 May 2023 05:54 pm
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