
दिवाली पर हर दीपक का एक अलग महत्व और अर्थ
ग्वालियर। दीपावली रोशनी का त्योहार है। इस दिन लोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपने घर को दीपों की रोशनी से सजाते हैं। इस साल दीपावली 27 अक्तूबर को मनाई जाएगी। इस दिन घर में जलाए जाने वाले हर दीपक का एक अलग महत्व और अर्थ होता है। क्या आप जानते हैं घर के किस कोने में रखे जाने वाले दीपक का आपके जीवन में क्या असर पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आइए जानते हैं धनतेरस से लेकर दिवाली तक घर में कितने दीए जलाने चाहिए और हर दीपक का क्या होता है मतलब।
पहला दीपक- धनतेरस के दिन जिस घर में यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु होने का भय नहीं रहता। इसके लिए धनतेरस के दिन शाम को घर के मुख्य द्वार पर और घर के अंदर 13 दीप जलाने चाहिए। लेकिन याद रखें यम के नाम का दीपक घर के सभी सदस्यों के लौटने के बाद सोते समय ही जलाना चाहिए। इसके अलावा यम के दीप को जलाने के लिए हमेशा पुराने दीपक का ही उपयोग करना चाहिए। जिसमें सरसों का तेल डालकर उसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर कूड़े के ढेर के पास रख दिया जाता है।
दूसरा दीपक-दूसरा दीपक दीपावली की रात घर और उसके आसपास की जगह पर जलाए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली की रात देवालय में गाय के दूध से बने घी का दीपक जलाने से झट से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
तीसरा दीपक- दिवाली की रात एक दीपक लक्ष्मी पूजा के दौरान जलाना चाहिए।
चौथा दीपक-दिवाली के दिन चौथा दीपक तुलसी के पास जलाना चाहिए।
पांचवां दीपक-दिवाली के दिन एक दीपक घर के दरवाजे के बाहर जलाना चाहिए।
छठा दीपक- दीपावली के दिन एक दीपक पीपल के पेड़ के नीचे भी रखना चाहिए।
सातवां दीपक- दिवाली के दिन यह दीपक घर के पास बने किसी मंदिर में जलाकर रख दें।
आठवां दीपक-यह दीपक घर में कचरा रखने वाले स्थान पर जलाकर रखना चाहिए।
नौवां दीपक- यह दीपक घर के बाथरूम में जलाकर रखना चाहिए।
दसवां दीपक-यह दीपक घर की छत की मुंडेर पर रखना चाहिए।
ग्यारवां दीपक- यह दीपक घर की खिड़की के पास रखना चाहिए।
बारहवां दीपक-घर की छत पर रखना चाहिए।
तेरवां दीपक - घर के पास बने किसी चौराहे पर रखना चाहिए।
Published on:
23 Oct 2019 12:54 am
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