रबी फसल की बोवनी दौर में यूरिया संकट जारी है, किसानों की हो रही फजीहत
धार. रबी सीजन की बोवनी के बीच मालवा क्षेत्र में किसानों को यूरिया ख्खाद के लिए दौड़भाग करना पड़ रदी है। चाय-नाश्ता भूलकर किसान सुबह ६ बजे से नकद बिक्री केंद्रों पर पहुंचकर कतार में लग रहे हैं। ताकि जरूरी यूरिया और अन्य उर्वरक मिल जाए, लेकिन नंबर आने के बाद किसानों को फिर से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए दौड़ाया जा रहा है। लगभग हर नकद केंद्र पर इसी तरह की स्थिति है। इस कारण किसानों को चक्कर लगाना पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ बोवनी में भी पिछड़ रहे हैं।
दरअसल इस व्यवस्था को लागू करने के पीछे कहा जा रहा है कि एक किसान दो जगह से खाद नहीं ले पाएगा। अनापत्ति प्रमाण पत्र में किसान को उस सोसायटी से प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करना है, जहां का वह सदस्य है। सोसायटी के प्रमाण पत्र के बाद ही नकद विक्रय केंद्र से खाद
दिया जा रहा है। सोसायटियों में
खाद नहीं होने की स्थिति में
किसान दूसरे विकल्प के रूप में नकद विक्रय केंद्र पहुंचकर खाद की पूर्ति करते हैं। लेकिन यहां पर प्रमाण पत्र की बाध्यता ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है।
इसलिए रखी व्यवस्था
बताया जा रहा है कि सोसायटी में जिन किसानों पर ओवरड्यू है या डिफाल्टर है, उन्हें सोसायटी से खाद नहीं मिल पाता। इस कारण वे नकद विक्रय केंद्र से खाद ले सकते हैं। इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की अनिवार्यता लागू कर दी गई है। जो किसानों के लिए फजीहत बन गई है। जब किसान कतार में काउंटर तक पहुंचता है, तब उसे दोबारा प्रमाण पत्र के लिए भिजवाया जा रहा है। इस कारण किसान बोवनी में पिछड़ रहा है।
जिले में खाद की दिक्कत नहीं
& अनापत्ति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता है। इससे किसानों का ही फायदा है। बाहरी व्यक्ति खाद नहीं ले पाएगा। धार के चार नकद काउंटर और जिले में खाद की दिक्कत नहीं है।
प्रवीण मूंदड़ा, जिला विपणन अधिकारी, धार