
50 वर्ष में 2 बार झेली बाढ़, फिर आ रहा वर्षाकाल, इंतजाम अधूरे
ग्वालियर. जिले के भितरवार ब्लॉक के 24 गांवों में 50 वर्ष पहले हरसी बांध से बहे पानी की वजह से बाढ़ आई थी। इसके बाद बीते वर्ष अगस्त में सिंध और पार्वती नदियों के उफान पर आने से भितरवार, घाटीगांव और डबरा के 45 गांवों में तबाही हुई थी। 2 और & अगस्त 2021 को पनपी स्थिति से पहले दिन करीब 80 हजार लोग अपना घर छोडऩे को विवश हो गए थे।
अब फिर से बारिश का मौसम आ रहा है और जल भराव वाले &6 गांवों में बाढ़ का खतरा रहेगा। इनमें भितरवार के 24 गांवों सहित घाटीगांव, डबरा और मुरार के 12 गांवों में भी जल भराव की संभावना रहेगी। जबकि नगर निगम क्षेत्र में 79 बस्तियां ऐसी हैं जहां हर बारिश में जल भराव होता है। इससे निपटने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन ने तैयारियां के नाम पर सिर्फ कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। मैदानी स्तर पर बचाव के लिए सीमित संसाधनों को बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया गया है। आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित होमगार्ड, एसडीआरएफ सहित अन्य की ड्रिल हुई है लेकिन वास्तविक स्थितियों में असफल रहने पर बीएसएफ और आर्मी तक की सहायता लेनी पड़ी थी।
6 गांव जहां वर्षाकाल में रहता है डूब का खतरा
सिंध और पार्वती नदी के किनारे बसे डबरा और घाटीगांव के 12 गांवों में हर बार जल भराव की स्थिति बनती है।
भितरवार तहसील के पनानेर, कैठोद, धोबट, खिरिया, बोढ़ी, जखावर,गधौटा, बसई, सिल्हा,पलायछा,खेरा, नजरपुर, आदमपुर, सांसन, भितरवार कस्बे की निचली बस्तियां, मछरया, पवाया, घाटखेरिया, डढ़ूमर, गोलेश्वर, सहारन, मसूदपुर, खरगोली और बांसौड़ी गांव पर सबसे Óयादा खतरा होता है। पिछले वर्ष आई बाढ़ में ये गांव तबाह हो गए थे। गांवों को ऊपर की ओर बसाए जाने की तैयारी की गई थी। कुछ समय तक तो लोग डर की वजह से ऊपरी क्षेत्र पर रहने की व्यवस्था बनाने में लग गए थे, लेकिन बाद में सब नदी किनारे पुरानी जगहों पर पहुंच गए। इस बार अगर बाढ़ की स्थिति बनी तो फिर से नुकसान होने की संभावना रहेगी।
निगम की इन बस्तियों में रहता है खतरा
रामाजी का पुरा, शब्दप्रताप आश्रम पार्क के पास, देवस्थल पार्क, आनंद नगर डी ब्लॉक, हथियापौर, इंद्रानगर, बाबा कपूर दरगाह के पास, हजीरा सब्जी मंडी, हजीरा चौराहे के पास, जोन कार्यालय-4 के सामने, शिवशक्ति मंदिर के पास, तिकौनिया पार्क तानसेन नगर, रमटापुरा पुल के पास, सेवानगर, गायत्रीनगर पुल के पास, जती की लाइन, पाताली हनुमान के पास, सैनिक पेट्रोल पंप के पास, महाराजा कॉम्प्लेक्स के पास, बैंक कॉलोनी, जिंसी नाला, रॉक्सी पुल, हुजरात पुल, कंपू, आंग्रे साहब की बगिया, काला सैयद, गोरखी स्कूल परिसर, सैनिक कॉलोनी, हरिजन बस्ती, नागदा माता रोड, एसएएफ कमांड पुलिया, पारस बिहार, न्यू पारस बिहार, मोतीमहल संग्रहालय के सामने, नए पड़ाव पुल के नीचे, एजी ऑफिस पुल के नीचे, लक्ष्मीबाई समाधि के सामने, मधुवन नगर, कबीर कॉलोनी के पास, सुरेश नगर, राजमाता चौराहे के पास, गोविंदपुरी, रेस्ट हाउस-1, सचिन तेंदुलकर मार्ग, बलवंत नगर, लक्ष्मणपुरा, पड़ाव चौराहा, दुर्गापुरी, मरीमाता मंदिर के सामने, नौगजा रोड, फूलबाग चौराहे से मस्जिद वाली गली, सिकरवारी मौहल्ला, गिर्राज कॉलोनी,कुम्हारों का मौहल्ला, शिवनगर, बालाबाई का बाजार वाचनालय के पास, ऊंटपुल चौराहा, पाटनकर चौराहा सहित अन्य स्थानों पर प्रतिवर्ष जल भराव होता है।
इन बांधों पर रखना होगी नजर
ओवर फ्लो होने पर तिघरा बांध से 1455 क्यूसेक तक पानी छोड़े जाने की संभावना रहती है। रमौआ बांध से 496 क्यूसेक, पहसारी बांध से 5&4 क्यूसेक, ककैटो बांध से 4400 क्यूसेक और हरसी बांध ओवर फ्लो होने पर &41& क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना बनी रहेगी। प्रशासन और संबंधित विभाग के अलावा ग्रामीणों को भी सतर्क रहकर बारिश में स्थिति पर नजर रखनी होगी।
इस तरह की घटनाओं पर रखनी है नजर
ग्रामीण क्षेत्र अगर जल भराव और बांधों से पानी छोड़े जाने पर नदियों का जल स्तर बढ़ेगा और नीचे पुल या रपट डूब जाएंगे। झरनों में पानी बढऩे से पर्यटकों को खतरे में जाने से रोकना होगा। बरसाती नदी-नालों में तैरना न जानने वाले लोगों की जान पर खतरा रहेगा। सर्पदंश की घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है।
शहरी क्षेत्र जल निकास को सही बनाए रखना बड़ी चुनौती है। जर्जर मकानों के गिरने का खतरा लगातार बना रहेगा। निचली बस्तियों में पानी भरने से स्थिति खराब होने की संभावना रहेगी।
Published on:
19 Jun 2022 06:28 pm
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