
हर महीने बढ़ रहा शिकायतों का ग्राफ, निराकरण में उदासीनता
ग्वालियर. प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल वनाधिकार पट्टों के मामले में जिले के अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। घाटीगांव एसडीएम के पास वनाधिकार के सबसे ज्यादा आवेदन पैंडिंग हैं। इस क्षेत्र में राजस्व प्रकरणों की शिकायत और कार्रवाई को निराकरण करने में भी उदासीनता बरती गई है। लगभग 1200 शिकायतें सिर्फ राजस्व विभाग में पेंडिंग हैं। इन शिकायतोंं का निराकरण कराने के लिए हर सोमवार को कलेक्टर निर्देश देते हैं, लेकिन हर सप्ताह शिकायतों का ग्राफ थोड़ा और बढ़ जाता है। इसके अलावा ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय क्षेत्रों मेंं सामान्य शिकायतों के निराकरण में भी कार्यालय स्तर पर होने वाली लापरवाही की वजह से हितग्राही कलेक्टर, निगमायुक्त, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।
यह है शिकायतोंं की स्थिति
- एंटी माफिया अभियान के अंतर्गत पिछले महीने में लश्कर क्षेत्र में 4, ग्वालियर सिटी में 5, डबरा में 3, मुरार में 7 जगह ही कार्रवाई हुई है। एसडीएम घाटीगांव ने एक भी कार्रवाई नहीं की।
- वनाधिकार पट्टों के मामलों में घाटीगांव में 1095 आवेदन पैंडिंग हैं, जबकि 68 आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया है। भितरवार में 255 दावे राजस्व भूमि पर किए गए हैं, अब इनकी पात्रता की जांच की जाएगी। मुरार में आए 202 आवेदन में से 150 आवेदन अमान्य किए गए हैं। इनकी भी जांच होगी।
- सीएम हेल्पलाइन में एल-1 पर 3959, एल-2 पर 1443, एल-3 पर 1393 और एल-4 पर 3550 शिकायतें पैंडिंग हैं।
सबसे ज्यादा पेंडेंसी राजस्व विभाग में
वृतमुरार, डबरा, भितरवार, चीनोर, सुपावली, घाटीगांव, छीमक, सिरसौद, देवरीकलां, कुलैथ, गिरवाई, पिछोर, बिलौआ, मोहना, सिकरौदा, आरौन, करहिया, टेकनपुर, पनिहार, उटीला, रिछारी कलां, पुरानी छावनी, बरई, हस्तिनापुर, सांखनी, करियावटी, बहोड़ापुर, महलगांव, मेहरा, बड़ागांव, आंतरी, शुक्लहारी, बेहट और लश्कर में एल-1 पर 414, एल-2 पर 165, एल-3 पर 349 और एल-4 पर 338 शिकायतें पेंडिंग थीं।
ये हैं जिम्मेदार
- एसडीएम/तहसीलदार
विकासखंड और तहसील क्षेत्र की शिकायतों के निराकरण की जिम्मेदारी संबंधित एसडीएम और तहसीलदार की है। काम में उदासीनता की वजह से शिकायतों की पेंडेंसी बढ़ रही है।
- राजस्व निरीक्षक
क्षेत्र में सीमांकन, बटांकन, नामांतरण आदि शिकायतों के निराकरण की जिम्मेदारी राजस्व निरीक्षक की है। अधिकतर क्षेत्रों में आरआइ अपने काम को समय पर अंजाम देते ही नहीं हैं, जिसकी वजह से लोग कलेक्टर,एसडीएम या तहसीलदार के कार्यालय के चक्कर लगाते हैं।
- पटवारी
राजस्व प्रकरणों में रिपोर्ट लगाने का काम पटवारी का है, लेकिन सबसे ज्यादा देर पटवारी स्तर पर ही होती है।
- पंचायत/नगरीय निकाय
ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों में आने वाले आवेदनों में से निराकृत करने वाले क्लर्क या फील्ड मेंं जाने वाले अधिकारी बगैर शिकायतकर्ता की संतुष्टि के शिकायत को फोर्स क्लोज कर देते हैं।
Published on:
16 Mar 2021 06:10 pm
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