
Gwalior pollution News:मध्य प्रदेश के सात शहरों में ग्वालियर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित पाई गई है। केंद्रीय और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यशाला में इसका खुलासा हुआ है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (national clean air program) के तहत प्रदेश के सात शहरों की एयर प्रोग्राम की समीक्षा के दौरान यह खुलासा हुआ है। अगर समय रहते हालात सुधारे नहीं गए तो दिल्ली जैसी स्थिति हो सकती है। इंदौर की एयर की क्वालिटी सबसे अच्छी है।
ग्वालियर के हालात दिल्ली जैसे
मध्य प्रदेश पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने बताया कि दिल्ली में सर्दियों के मौसम में वायु इतनी प्रदूषित हो जाती है कि स्कूल-कालेज तक बंद करने पड़ते हैं। इसी तरह की स्थिति एमपी में भी बनती जा रही है। विशेष रूप से ग्वालियर की वायु बहुत प्रदूषित हो चुकी है। उनका कहाना है कि हमने एमपी में सात शहरों का चुनाव किया है, जहां हवा के क्वालिटी में सुधार लाना हमारे लिए बहुत जरुरी है।
ग्वालियर में तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण के पीछे कई अलग-अलग कारण सामने आ रहे है, जैसे शहर में कहीं भी कचरा जालना देना, बदहाल सड़कों से उड़ने वाली धूल मिट्टी का हवा में मिलना और वाहन से निकलने वाला प्रदूषित हवा जो शहर की हवा को जहरीली कर रही है लगातार । इस वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्लान भी तैयार किया गया है लेकिन अभी तक उसे पर अमल नहीं किया गया है और सभी विभागों को ये जिम्मेदारी भी बांट दी गई है।
मध्य प्रदेश में इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, सागर, देवास, और उज्जैन शहरों में 2019 से एनसीएपी (NCAP) द्वारा हवा में प्रदूषण को कम करने के लिए फंड जारी किया जा रहा है। लेकिन इंदौर को छोड़कर अन्य शहरों की स्थिति ठीक नहीं है। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय बीते 5 साल से एनसीएपी (NCAP) पर काम कर रहा है।
Published on:
21 Mar 2024 05:24 pm
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