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Gwalior Pride : मिलिए एक साल में 27 देश घूमने वाले ग्वालियर के शशांक के, बोलते हैं- बैग उठाया और सफर शुरू

gwalior boy shashank make world record of travel 27 countries : टूरिज्म, एजुकेशन, कल्चर के बारे में आप नजदीक से जान पाएंगे। यही कारण रहा कि बचपन में मैंने पापा के .......  

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Gwalior Pride : मिलिए एक साल में 27 देश घूमने वाले ग्वालियर के शशांक के, बोलते हैं- बैग उठाया और सफर शुरू

Gwalior Pride : मिलिए एक साल में 27 देश घूमने वाले ग्वालियर के शशांक के, बोलते हैं- बैग उठाया और सफर शुरू

@ ग्वालियर.

यदि आपको दुनिया के बारे में जानना है और अपनी सोच को ग्लोबलाइज करना है, तो वल्र्ड टूर से अच्छा ऑप्शन कुछ और हो नहीं सकता। इससे डिफरेंट फील्ड का नॉलेज आपको मिलेगा। टूरिज्म, एजुकेशन, कल्चर के बारे में आप नजदीक से जान पाएंगे। यही कारण रहा कि बचपन में मैंने पापा के साथ इंडिया का भ्रमण किया और थोड़ा बड़ा हुआ तो चायना व थायलैंड विजिट किया। वहां के एक्सपीरियंस काफी अच्छे रहे। इससे मेरी नॉलेज भी काफी अच्छी हो गई।

यह कहना है ग्वालियर के बलवंत नगर में रहने वाले शशांक शर्मा का। उन्होंने हाल ही में 27 देशों का भ्रमण करके एक साल में सबसे ज्यादा देशों की यात्रा करने वाले भारतीय होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उनके इस कीर्तिमान को हाल ही में 'इंडिया बुक ऑफ रिकाड्र्सÓ ने प्रमाणित किया है। शशांक अभी तक दुनिया भर के 50 से भी अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं जिसमे यूरोप, एशिया और अफ्रीका के देश शामिल हैं।

बैकपैकर के रूप में कम खर्च में पूरी की यात्राएं
31 साल के शशांक ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि मैंने बैकपैकर के तौर पे काफ ी कम खर्च में अपनी सभी यात्राएं पूर्ण कीं। बैकपैकिंग का कॉन्सेप्ट दुनिया के विकसित देशो में काफी लोकप्रिय है और अब भारत में भी ये कॉन्सेप्ट काफ ी प्रचलित हो रहा है। शशांक का कहना है कि उन्होंने अपनी यात्राओं के माध्यम से दुनिया के बारे में बहुत कुछ सीखा और भारत एवं भारतीय संस्कृति से बाहरी देशों के लोगो को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि देश के सभी युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भ्रमण करना चाहिए, जिससे उन्हें देश और दुनिया की बेहतर समझ मिलेगी और नए अवसरों को जानने का मौका प्राप्त होगा।

2012 में चायना से शुरू की थी जर्नी
शशांक वर्तमान में एक ट्रेवल इन्फ्लुएंसर और इंडिपेंडेंट रिसर्चर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा ग्वालियर में प्राप्त करने के पश्चात उच्च शिक्षा दिल्ली एवं यूरोप से प्राप्त की। शशांक ग्वालियर के बलवंत नगर के रहने वाले हैं। शशांक वर्ष 2015 में 'गो योनेस्को इंडिया ट्रेवल चैलेंजÓ के विजेता भी रह चुके हैं। मैंने अपनी जर्नी 2012 में चायना से शुरू की थी, जहां का अच्छा एक्सपीरियंस रहा।

अभी सफर बाकी, घूमना चाहता हूं पूरा संसार
शशांक का कहना है कि अदर कंट्रीज में हमारे देश की छवि अच्छी नहीं है। मैं पूरी दुनिया घूमना चाहता हूं और वहां के लोगों के दिमाग में बसे इस इमेज को हटाना चाहता हूं। मैं अभी तक जितनी भी देश गया, वहां मेरे दोस्त बने और मैंने उन्हें इंडिया बुलाया व यहां की संस्कृति से परिचित कराया। वे यहां से पॉजिटिव इमेज लेकर गए।