10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तीसरे बच्चे को लेकर पति को था ‘शक’, DNA से हुआ ‘कैरेक्टर टेस्ट’ तो निकला ये

कोर्ट के फैसले के बाद भी पति नहीं दे रहा है हक

2 min read
Google source verification
02_3.png


ग्वालियर/ मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित कुटुंब न्यायालय में एक पिछले कुछ दिनों से एक अजीबोगरीब मामले की सुनवाई चल रही है। कुछ महीने पहले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। तलाक की वजह तीसरे बच्चे का जन्म बना। पति का कहना था कि मैं जब पिछले एक साल से उसके साथ ही नहीं हूं तो फिर बच्चा कैसे हुआ।

कोर्ट में दाखिल अर्जी पर सुनवाई कर रहे जज भी तलाक की वजह जान हैरान थे। क्योंकि तीसरे बच्चे के जन्म के बाद से पति को पत्नी की चरित्र पर शक था। पति इसके पीछे तर्क दे रहा था कि पत्नी एक साल से उससे दूर दूसरे शहर में रह रही है। ऐसे में ये बच्चा कैसे हो सकता है। यह संतान मेरी नहीं है। वहीं, पत्नी कोर्ट में जज के सामने पति के आरोपों को खारिज करती रही। उसने साफ कहा कि यह संतान उसे पति से ही मिली है।

कोर्ट ने दिया डीएनए टेस्ट करवाने का आदेश
उसके बाद इस मामले में ग्वालियर कुटुंब न्यायलय ने डीएनए टेस्ट करवाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि तीसरी संतान और पति दोनों का डीएनए टेस्ट करवाओ। अब डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में पत्नी जो दावा कर रही थी वह सही है। यह बच्चा उसके पति का ही है। उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया है।

2014 में दिया था तलाक का आवेदन
महिला यूपी के इटावा में टीचर है। जॉब की वजह से वह वहीं रहती है। जबकि पति ग्वालियर में एक निजी स्कूल चलाता है। 2011 में जब वह गर्भवती हुई थी तब उसके पति ने यह आरोप लगाकर उसके खिलाफ तलाक की अर्जी दाखिल की थी। हालांकि परिवार को बचाने के लिए महिला सब कुछ सहती रही है। लेकिन पीड़िता के वकील का कहना है कि पति आज भी उसका हक नहीं दे रहा है।

समझौते की कोशिश फिर भी जारी
महिला के मायके लोगों की कोशिश आज भी है कि परिवार किसी तरह से बच जाए। कोर्ट के फैसले के बाद भी पत्नी को पति उसका हक नहीं दे रहा है। वह आज भी बच्चों का भरण-पोषण खुद ही कर रही है। ऐसे में महिला मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई है। महिला का यह भी मानना है कि अगर सब कुछ ठीक नहीं हुआ तो मैं पति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा।