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टोपी गलत पहनना इस युवक को पड़ गया भारी, पुलिस ने पकड़ा तो खुला बड़ा राज

locationग्वालियरPublished: Jul 13, 2019 10:32:22 am

Submitted by:

Gaurav Sen

टोल टैक्स बचाने खाकी वर्दी पहन निकलता था ड्राइवर, कार से मिले तीन स्टार और बैज
 
 

gwalior police caught fake police officer at mathura highway

टोपी गलत पहनना इस युवक को पड़ गया भारी, पुलिस ने पकड़ा तो खुला बड़ा राज

ग्वालियर। प्रॉपर्टी कारोबारी की कार का ड्राइवर नकली जेल प्रहरी बनकर घूमते मिला है। उसे रात 2:30 बजे निरावली पर डायल 100 ने पकड़ा। फरेबी के साथ कार में चार दोस्त भी थे, उन्हें कार से वृंदावन ले जाने का लालच देकर साथ लाया था। बहरूपिया पकड़े जाने पर काफी देर रट लगाए रहा कि गुना जेल में प्रहरी है, जब उससे जेल अफसरों के नाम पूछकर सैल्यूट करने का तरीका पूछा तो सकपका गया।

चकमा देने के लिए बोला कि नेता को ढाई लाख रुपए देकर नौकरी मिली है, उसे नहीं पता जेल पुलिस में भर्ती कैसे होती है। कार की तलाशी लेने पर उसके बैग से वर्दी पर लगाने वाले तीन स्टार, बेल्ट का बैज भी मिला है। फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर फरेबी ने खुलासा किया कि हाईवे पर टोल टैक्स बचाने के लिए खाकी वर्दी सिलवाई है, इससे पहले दो बार वर्दी पहनकर टोल टैक्स पर चकमा दे चुका है।

जेल प्रहरी की वर्दी पहनकर आरोन, गुना से मथुरा जा रहे सीताराम सिकरवार (22) पुत्र रामवीर को रात करीब ढाई बजे निरावली, पुरानी छावनी पर पुलिस ने पकड़ा है। सीताराम गुना में प्रॉपर्टी कारोबार अनिल कुमार सामखेड़ी की कार का ड्राइवर है। रात को निरावली पर पेट्रोलिंग कर रही एफआरवी-1 के शिकंजे में फंस गया। डायल 100 रात को हाईवे पर पेट्रोलिंग कर रही थी। उस वक्त सीताराम कार एमपी 19 सीबी 3168 लेकर बाजू से निकला। सीताराम खाकी वर्दी में था, कार के कांच बंद थे, उसने सिर पर सरकारी नीली टोपी लगा रखी थी। डायल 100 में तैनात आरक्षक नेतराम रावत की नजर कार ड्राइवर पर पड़ी तो उसके टोपी लगाने का तरीका अटपटा लगा।

पीछे चार युवक भी बैठे थे और कार की पिछली नंबर प्लेट खाली थी तो शक हुआ। कार को रोकने के लिए एफआरवी का हूटर बजाया तो सीताराम ने कार की स्पीड तेज कर दी तो पुलिस भी पीछे लग गई। पायलट राजेन्द्र धाकड़ ने ओवरटेक कर कार को रोक लिया। उसमें बैठे पांचों लोगों को बाहर निकालकर आरक्षक नेतराम और रजनीश ने पूछताछ की तो सीताराम ने खुद को गुना बच्चा जेल में प्रहरी बताया, कहा कि उसके पिता का निधन हो गया है इसलिए मथुरा जा रहा है, लेकिन बच नहीं सका। उसके वर्दी पहनने का तरीका भी अटपटा था तो गश्त टीम ने उससे जेल अधीक्षक और एडीजीपी का नाम पूछ लिया। सीताराम जवाब नहीं दे सका तो पुलिसकर्मियों से उससे कहा कि गुना में तो बच्चा जेल ही नहीं है। फिर तुम वहां नौकरी कैसे कर रहे हो, भर्ती के वक्त कितनी दौड़ लगाई थी।

यहां भी सीताराम फंस गया जो मुंह में आया वह जवाब दे दिया, लेकिन भांप गया कि पुलिस उसकी हकीकत समझ गई है तो बोला बसपा के नेता को ढाई लाख रुपए देकर सीधे जेल प्रहरी बना हूं। फर्जी जेल प्रहरी पकड़े जाने का पता चलने गश्त में मौजूद सीएसपी मुनीष राजौरिया और फोर्स भी पहुंच गया। कार में सवार सभी लोगों को पुलिस ने थाने लाकर पूछताछ की तो सीताराम का फरेब खुल गया। पुरानी छावनी टीआई केपीएस यादव ने बताया आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आगरा और गुना से भी उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

 

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यह किया खुलासा
बचने के लिए सीताराम ने गुना में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी से भी पुलिसकर्मियों की बात कराई, लेकिन हकीकत पता चलने पर वह भी चुप्पी साध गईं। सभी पैंतरे नाकाम रहे तो फरेबी सीताराम ने खुलासा किया हाईवे पर टोल टैक्स बचाने के लिए वह खाकीवर्दी पहनता है। इससे पहले भी दो बार वर्दी पहनकर टोल का पैसा बचा चुका है। उसने 900 रुपए में गुना में वर्दी सिलवाई थी। कार मालिक इन दिनों इलाहाबाद गया है तो वह घर जाने के लिए कार लेकर आया था। पुलिस के मुताबिक कार में उसके साथ आरोन, गुना निवासी मोनू, संकेत, रामकुमार और शिवम रघुवंशी से पूछताछ की तो इन लोगों ने बताया कि वह मथुरा जा रहे थे, सीताराम ने कहा कार से मस्ती कराता हुआ मथुरा ले जाएगा इसलिए उसने 1500 रुपए डीजल खर्च के लिए वसूले हैं।

ऐसे फंसा फरेबी
वर्दी के साथ टोपी लगाने का तरीका गलत, वर्दी में ओपन शर्ट पहने था, बैच पर 2020 नंबर दर्ज था, जबकि कंधे पर बैज मध्यप्रदेश पुलिस का था। सैल्युट करने को कहा गया तो नहीं कर सका, जेल अधिकारियों के नाम नहीं बता सका।

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