
Gwalior Stamp Duty Scam Property Registry Fraud
Gwalior Stamp Duty Scam: पंजीयन विभाग में स्टांप ड्यूटी चोरी रोकने के लिए कई बदलाव किए गए, लेकिन इन बदलावों को सेवा प्रदाता व उप पंजीयकों ने फेल कर दिया है। संपत्ति की लोकेशन बदलकर सेवा प्रदाता के यहां से रजिस्ट्री पेश की जा रही है। उप पंजीयक आंख बंद करके रजिस्ट्री कर रहे हैं, जब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है तो न उप पंजीयक पर कार्रवाई हो रही है और न सेवा प्रदाता पर। डबरा के उप पंजीयक कार्यालय में ऐसे मामले सामने आए हैं।
संपत्ति डबरा के अर्जुन नगर में मौजूद है पर उसकी लोकेशन सहराई गांव में बता दी। इस छोटी चालाकी से 5 लाख 11 हजार रुपए की शासन को चपत लग गई। इस मामले की शिकायत हुई तो जांच की गई। इसके लिए उप पंजीयक महेंद्र कौरव को जिम्मेदार माना। अपने पदीय कर्तव्य में लापरवाही बरती, जिसकी वजह से शासन को चपत लगी। एसडीएम ने जांच कर रिपोर्ट संयुक्त कलेक्टर को सौंपी है।
रजिस्ट्री-1: 5 मई 2023 को ई पंजीकरण संख्या एमपी 142582023 ए 11799515 के दस्तावेज प्रिंट किया गया। बुजुर्ग हल्के में स्थित अर्जुन नगर में संपत्ति थी। संपत्ति शहर में थी, लेकिन इसकी लोकेशन सहराई में बताई गई। सेवा प्रदाता विजेंद्र जैन ने दस्तावेज पेश किया। उप पंजीयक महेंद्र कौरव ने रजिस्ट्री की। 3.10 लाख रुपए का नुकसान आया।
रजिस्ट्री-2: 3 मई 2023 को ई पंजीकरण संख्या एमपी 142582023 ए11799636 नंबर का दस्तावेज पेश किया गया। बुजुर्ग हल्के में स्थित अर्जुन नगर में संपत्ति थी। संपत्ति शहर में थी, लेकिन इसकी लोकेशन सहराई में बताई गई। सेवा प्रदाता विजेंद्र जैन ने दस्तावेज पेश किया। उप पंजीयक महेंद्र कौरव ने रजिस्ट्री की। रजिस्ट्री के तथ्य देखने की जिम्मेदारी उप पंजीयक की थी, लेकिन उन्होंने तथ्यों को नहीं देखा। दस्तावेज में ही पूरी चालाकी छिपी हुई थी। 2 लाख रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी की गई।
रजिस्ट्री के दो साल बाद खुलासा हुआ, क्योंकि कलेक्टर के पास स्टांप ड्यूटी चोरी की शिकायत पहुंची। एसडीएम ने मामले की जांच की। रिपोर्ट संयुक्त कलेक्टर को सौंपी। पंजीयन विभाग में स्टांप ड्यूटी चोरी का पैसा जमा हो गया। जिला पंजीयन कार्यालय ने 12 जून 2025 को रिपोर्ट संयुक्त कलेक्टर के पास भेजी। दस्तावेज में लोकेशन अर्जुन नगर लिखी। गणना में सहराई की लोकेशन बताई।
ग्वालियर के डबरा में प्लॉट के राजस्व में नामांतरण नहीं हो रहा है। पंजीयन विभाग रजिस्ट्री से रजिस्ट्री कर रहा है। यदि रजिस्ट्री में प्लॉट दर्ज है तो दुबारा रजिस्ट्री प्लॉट में हो रही है, जबकि उस जगह पर मकान बन चुका है। इस तरह की रजिस्ट्री में बड़े पैमाने पर स्टांप ड्यूटी की चोरी हो रही है। इन रजिस्ट्रियों की जांच भी नहीं की जा रही है। यदि रजिस्ट्री की जांच होती है तो करोड़ों की राजस्व हानि की खुलासा हो सकता है। गाइडलाइन की लोकेशन भी बदली गई है। मकान की रजिस्ट्री प्लॉट में हुई है। साथ ही रोड की संपत्ति को अंदर बताया गया है। लोकेशन बदलकर शासन को चपत लगाई गई है।
डबरा के उप पंजीयक कार्यालय में डबरा, टेकनपुर क्षेत्र आता है। इस क्षेत्र में नई कॉलोनी विकसित हो रही है। पुरानी संपत्तियों का बड़े पैमाने पर विक्रय हो रहा है। रजिस्ट्री के बाद जिला पंजीयक ने निरीक्षण नहीं किया। इस कारण गड़बड़ी का खुलासा नहीं हुआ।
डबरा में तीन उप पंजीयक हो चुके हैं। महेंद्र कौरव पिछले पांच साल से यहीं पर पदस्थ हैं, जबकि दो उप पंजीयक 2025 में डबरा पहुंचे हैं।
डबरा एसडीएम ने मामले की जांच की थी। उप पंजीयक को जिम्मेदार माना है। राजस्व हानि के चलते उप पंजीयक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव दिया गया है।
विनोद सिंह, संयुक्त कलेक्टर
रजिस्ट्री के समय मामला पकड़ में नहीं आया था। नहीं तो उसी वक्त पक्षकार को स्टांप ड्यूटी जमा करनी पड़ती। पक्षकारों से मय ब्याज सहित पैसा वसूल किया गया है।
महेंद्र कौरव, उप पंजीयक डबरा
Published on:
07 Jul 2025 10:34 am
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