
ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने एक प्रेमी युगल को लिव इन रिलेशनशिप में रहने की मंजूरी दे दी है। लेकिन कोर्ट ने प्रेमी लड़के को कुछ शर्तों में भी बांधा है। जिसके तहत युवक को अपनी प्रेमिका को खुश रखने का शपथ पत्र देना होगा। इतना ही नहीं हर हफ्ते पैरालीगल वॉलिंटियर्स उनके पास जाएंगे और लिव इन में रह रहे प्रेमी जोड़े के हालातों की रिपोर्ट लेंगे। जिसे महीने में हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
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ये है पूरा मामला..
दरअसल मुरैना जिले का रहने वाला वीर सिंह नाम का युवक अपनी प्रेमिका संध्या के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था। जब इस बात की जानकारी प्रेमिका संध्या के परिजन को लगी तो वो उसे अपने साथ घर ले गए और वापस नहीं आने दिया। जिसके कारण प्रेमी वीर सिंह ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैवियर कार्पस) याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई हुई, इस दौरान युवती संध्या ने खुद के बालिग होने और प्रेमी वीर सिंह के साथ रहने की बात कही। जिस पर कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ प्रेमी युगल को लिव इन रिलेशनशिप में रहने की इजाजत दे दी।
इन शर्तों पर मिली लिव-इन की इजाजत
कोर्ट में सुनवाई के दौरान युवती के माता-पिता ने विरोध भी दर्ज कराया लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि युवक और युवती दोनों बालिग हैं और अगर वो सहमति से साथ रहना चाहते हैं तो उन्हें रोका नहीं जा सकता है। कोर्ट ने प्रेमी युगल को लिव इन में रहते की इजाजत देते हुए ये भी कहा कि प्रेमी युगल हाईकोर्ट की निगरानी में रहेंगे। युवक को इस बात का शपथ पत्र देना होगा कि वो युवती को हमेशा खुश रखेगा। इतना ही नहीं पैरालीगल वॉलिंटियर्स की तैनाती लीगल ऐड सर्विस के द्वारा की जाएगी। जो कि हर हफ्ते जाकर प्रेमी युगल के हालातों को देखकर एक रिपोर्ट बनाएंगे और महीने में उस रिपोर्ट को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
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Published on:
26 Jun 2021 04:07 pm
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