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मैं तो नंद बाबा घर जाऊंगी, बधाई लेकर आऊंगी…

नंदोत्सव : सनातन धर्म मंदिर बना नंद महल, पालना उत्सव के साथ गाई गईं बधाईयां, शाम को छप्पन भोग के हुए दर्शन

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मैं तो नंद बाबा घर जाऊंगी, बधाई लेकर आऊंगी...

मैं तो नंद बाबा घर जाऊंगी, बधाई लेकर आऊंगी...

ग्वालियर. जन्माष्टमी उत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार को सनातन धर्म मंदिर में नंदोत्सव में पालना उत्सव के साथ बधाईयां गाई गईं। सुबह से ही भगवान चक्रधर को बधाई देने एवं दर्शन के लिए भक्तों के मंदिर आने का क्रम शुरू हो गया था। चक्रधर हॉल में दोपहर में महिला श्रद्धालुओं ने भगवान के नवनिर्मित पालने को केले से आकर्षक रुप से सजाकर उसमें भगवान बालकृष्ण को विराजित कर झूला झुलाया। खचाखच भरे चक्रधर हॉल में महिलाओं ने सुंदर भाव भरे बधाई गीत यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई, लाला जनम सुन आई, मैया दे दो बधाई..., मैं तो नन्द बाबा घर जाऊंगी बधाई लेकर आऊंगी..., हम धूम मचाने आ गए, कन्हैया तेरे वृन्दावन में... आदि गाए व ढोलक की थाप पर नृत्य भी किया। इस मौके पर श्रद्धालुओं को खिलौने, चॉकलेट, फल, मेवा, मिठाई की बधाइयां लुटाई गईं। शाम को भगवान चक्रधर के छप्पन भोग के दर्शन खोले गए। उसके बाद संध्या आरती हुई। भक्तों ने कतारबद्ध होकर भगवान के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर अध्यक्ष कैलाश मित्तल, प्रधानमंत्री, महेश नीखरा, धर्म मंत्री कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश गोयल, विमल माहेश्वरी, राकेश बंसल, राजेश गर्ग, प्रदीप सिंघल, अजय गुप्ता, हरिशंकर सिंघल, मनोज सांघी, नरेंद्र मंगल, कैलाश नारायण अग्रवाल, केदारनाथ गुप्ता आदि मौजूद रहे।

मयूर नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र
पालना उत्सव का मुख्य आकर्षण कृष्ण कला केंद्र के बाल कलाकारों की ओर से कान्हा के भजनों पर प्रस्तुत सुंदर मयूर नृत्य रहा। माला सक्सेना के कुशल निर्देशन में बाल कलाकारों ने भजन एवं नृत्य की मनमोहन प्रस्तुति दी जिस पर महिला भक्तों से खचाखच भरे चक्रधर सभागार हर्षोल्लास से झूम उठा। कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चे राधा-कृष्ण का स्वरूप धारण कर आए थे जिन्होंने विभिन्न भजनों पर सामूहिक एवं एकल रूप में भगवान चक्रधर के समक्ष अपनी सुंदर प्रस्तुति दी। भगवान चक्रधर का मुख्य पुजारी रमाकांत शास्त्री एवं गिरिराज धरण का देवेंद्र शास्त्री ने मनमोहक शृंगार किया।